tag:blogger.com,1999:blog-1588059914195644808.post563570671693243815..comments2023-12-13T02:59:27.742-08:00Comments on कतरब्योंत: व्यंग्यकतरब्योंतhttp://www.blogger.com/profile/10072193713359769596noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1588059914195644808.post-21869155139816689972009-05-16T23:34:00.000-07:002009-05-16T23:34:00.000-07:00भाई, उल्लू गिनने का काम मुझे भी देना. आजकल बेरोजगा...भाई, उल्लू गिनने का काम मुझे भी देना. आजकल बेरोजगार हूँ. एक-एक उल्लू को चुन-चुन के गिनूंगा. उल्लुओं की पहचान में माहिर भी हूँ. कभी मैंने कहा था-<br />चलो अखबार के दफ्तर,<br />करोगे देखकर क्या जू.<br />गधे ने टिप्पणी लिख दी,<br />खबर अब लिख रहा उल्लू.विवेक भटनागरhttps://www.blogger.com/profile/03464473164110424535noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1588059914195644808.post-67034488975825782462009-05-05T01:50:00.000-07:002009-05-05T01:50:00.000-07:00बेवजह परेशान हुए. उन्हें किसी एक यूनिवर्सिटी में च...बेवजह परेशान हुए. उन्हें किसी एक यूनिवर्सिटी में चले जाना चाहिए था. वहां कई तरह के उल्लू इकट्ठे मिल जाते. बीजगणित के नियमानुसार वहां का एक उल्लू = अन्य जगहों के एक हज़ार उल्लू मान कर पूरे देश के उल्लू गिने बता देते.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.com