Saturday, November 3, 2012

बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना


-अशोक मिश्र
बचपन में छठवीं-सातवीं कक्षा में हिंदी के मास्टर मटुकनाथ जब बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवानाकहावत का अर्थ पूछते थे, तो मैं हमेशा गड़बड़ा क्या जाता था, पिट जाता था। कक्षा में इसका अर्थ न बता पाने वाले छात्र-छात्राओं को ठोक-पीट चुकने के बाद मास्टर मटुकनाथ कई-कई बार इसका अर्थ बताते, उदाहरण देकर समझाते, लेकिन अपने पल्ले में नहीं पड़ना था, तो नहीं पड़ा। इस कहावत का अर्थ मुझे सैफीना की शादी के बाद कहीं जाकर समझ में आया। अब तो कोई मुझसे पूछे, तो मैं उदाहरण सहित समझा सकता हूं।
वाकई, इसे कहते हैं, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। शादी पटौदी खानदान के लख्ते जिगर छोटे नवाबऔर करीना कपूर की हो रही थी, हाय-हाय मीडिया और सोशल मीडिया कर रहा था। अखबारों और टीवी चैनलों में तो सबसे पहले और एक्सक्लूसिव खबर और फोटो छापने-दिखाने की एक अंधी दौड़ मची हुई थी। सैफ अली खान और करीना ने शादी से पहले और बाद में मीडिया को कोई भाव नहीं दिया, लेकिन अखबारों ने सौ-सौ जूते खाओ, तमाशा घुसकर देखोकी तर्ज पर अपने रिपोर्ट्स और फोटोग्राफर्स तैनात कर रखे थे। वे सभी किसी मिशन की तरह हर उस जगह खबर सूंघते फिर रहे थे, जहां उन्हें कोई खबर या क्लू मिलने की थोड़ी-सी भी उम्मीद थी। अखबारों और टीवी चैनलों के ये जुझारू सिपाही इस आशा में इधर-उधर भागते फिर रहे थे कि क्या पता, कोई एक्सक्लूसिव फोटो या खबर मिल जाए, जिसे लंतरानीवाली स्टाइल में पेश करके युवाओं के दिलों की धड़कन बढ़ाई जा सके।
इस मामले में सोशल मीडिया कुछ ज्यादा ही सक्रिय दिखा। फेसबुक और ट्विटर पर तो पिछले एक महीने से सिर्फ और सिर्फ एक ही मुद्दा छाया हुआ है। कोई एक ट्वीट करता था, ‘करीना, शादी के समय जोधपुरी चप्पल के साथ-साथ कश्मीरी मोजा पहनेंगी।बस, इस ट्वीट पर कमेंट्स की होड़ लग जाती थी। दिल्ली के एक आदमी ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘निकाह कुबूल होते ही करीना चाट खाएंगी, पाव-बड़े खाएंगी या सिर्फ पानी पीकर काम चलाएंगी।इस पोस्ट पर ढेर सारे कमेंट आए। ज्यादातर लड़कों के। इतने सारे कमेंट्स देखकर तो ऐसा लग रहा था कि हिंदुस्तान के युवाओं के लिए गरीबी, बेकारी, भुखमरी और भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा करीना-सैफ की शादी थी। एक साहब ने कमेंट किया था, ‘तुम सबसे बड़े बेवकूफ हो, न वह चाट खाएंगी, न पानी पिएंगी। बिरयानी खाकर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करेंगी।कई बार तो ऐसे-ऐसे कमेंट आते थे कि पढ़कर मन होता था कि अपना सिर सामने की दीवार पर दे मारूं। तब तक फेसबुक पर एक नई पोस्ट आ गई, ‘करीना कपूर शादी के बाद अपने नाम के साथ खान जोड़ेंगी या कपूर ही रहने देंगी, या फिर कपूर और खान दोनों को जोड़कर काम चलाएंगी।इसके साथ ही करीना की किसी फिल्म की तस्वीर में नत्थी कर दी जाती थी। इसको लेकर फिर शुरू हो जाती थी, लाइक करने, कमेंट करने-करवाने और शेयर करने की एक अंतहीन प्रतियोगिता। करीना लवर्स क्लबनाम से फेसबुक एकाउंट खोलने वाले एक शख्स ने कमेंट पोस्ट किया, ‘करीना चाहे अपने नाम के साथ कपूर लिखे या खान, तेरे बाप का क्या जाता है?’
ठीक शादी की रात लगभग रात एक बजे मेरे एक लंगोटिया यार मिस्टर घोंचूरामने मुझे फोन किया। झुंझलाते हुए मैंने कटखने अंदाज में पूछा, ‘क्या है? अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही है, तो कम से कम दूसरों को तो सोने दो?’ उन्होंने रुआंसे स्वर में पूछा, ‘यार! यह बताओ, शादी हो गई?’ मैंने पूछा, ‘किसकी?’ उन्होंने कहा, ‘करीना की और किसकी? आज किसी और हीरोइन की शादी होने वाली थी?’ ‘हां! मेरे बाबा की है न आज! बाबा और दादी के फेरे हो रहे हैं, मैं पंडाल में खड़ा खाना खा रहा हूं। तू भी आ जा, साथ मिलकर खाते हैं।इतना कहकर मैंने अपने मोबाइल का स्विच आॅफ कर दिया। तीन दिन तक मोबाइल को आॅन करने की हिम्मत नहीं हुई। आपके साथ भी ऐसा हुआ हो, तो बताइएगा।

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