अशोक मिश्र
हरियाणा और पंजाब में पिछले दिनों आई बाढ़ और भारी बरसात ने आर्थिक रूप से किसानों की कमर तोड़ दी है। हरियाणा के लगभग 13-14 जिले बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित रहे। जलभराव वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को दोहरी मार के रूप में बीमारियां भी झेलनी पड़ीं। जलजमाव वाले क्षेत्र में मच्छरजनित रोगों से भी लोगों को सामना करना पड़ा। नतीजा यह हुआ कि पहले से ही परेशान किसान और लोग बुरी तरह प्रभावित हुए। इन बातों का ध्यान रखते हुए सूबे के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कल ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों की वसूली दिसंबर तक स्थगित करने की घोषणा की है।
इससे किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी, लेकिन यदि बिजली बिलों का कुछ हिस्सा माफ कर दिया जाता तो शायद किसानों को और राहत मिल जाती। पिछली जुलाई तक देय बिल आगामी जनवरी तक बिना कोई जुर्माना अदा किए भुगतान कर सकेंगे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने फसली ऋण की वसूली भी स्थगित करने की घोषणा की है। जिन गांवों में बाढ़ या बरसात से 50 प्रतिशत से अधिक फसलों को नुकसान हुआ है और वहां के ऋणी किसानों के फसलों को 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान पहुंचा है, ऐसे किसानों से सहकारी समितियों के खरीफ सीजन कके चालू फसली ऋण की भी वसूली स्थगित कर दी गई है।
इतना ही नहीं, ऐसे किसानों को रबी सीजन की खेती के लिए नया फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस फैसले से तीन लाख से अधिक किसानों को फायदा होने का अनुमान है। हां, बाढ़ या अधिक बरसात के कारण जिनके मकान, घरेलू सामान या पशुओं की मौत से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री ने राशि जारी कर दी है। इससे प्रभावित लोगों को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है। बाढ़ या अधिक बरसात की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग हुए हैं जिन्होंने किसी का खेत लेकर खेती की है।
ऐसे किसानों को जमीन के मालिक को उनकी रकम तो देनी ही पड़ेगी, इसके अलावा फसल बोने आदि में जो लागत लगी है, वह भी फसल खराब हो जाने की वजह से निकलने वाली नहीं है। जिस तरह खेती की लागत बढ़ती जा रही है, उस हिसाब से मुनाफा न होने की वजह से प्रदेश में नई पीढ़ी के लोग खेती करने से कतरा रहे हैं। नई पीढ़ी को खेती लुभा नहीं पा रही है।
जो पुरानी पीढ़ी के किसान हैं, वह भी अब मजबूरी में खेती कर रहे हैं क्योंकि वह नई तकनीक और नकदी फसलों को उगाने की ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। यदि वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए, तो अपनी आय को बढ़ाई जा सकती है, लेकिन ऐसा करने वाले कुछ ही लोग हैं।
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