अशोक मिश्र
आतंकवाद वैश्विक समस्या बनता जा रहा है। हमारे देश में भी आतंकवादी घटनाएं होती रहती हैं। इसी साल पुलवामा में आतंकियों ने छब्बीस निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि भारत सरकार ने पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों के अड्डों को आपरेशन सिंदूर चलाकर नेस्तनाबूत कर दिया था। दस नवंबर को नई दिल्ली में चलती कार में विस्फोट करके आतंकियों ने एक दर्जन मासूम लोगों की जान ले ली। इस आतंकी घटना के तार जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के फरीदाबाद जिले से जुड़े पाए गए।फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुजम्मिल अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. मुजम्मिल की प्रेमिका डॉ. शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार किया गया। आतंकी नेटवर्क के तीन डॉक्टरों सहित की लोग गिरफ्तार किए गए हैं। प्रदेश में इससे पहले भी आतंकी संगठनों से जुड़े लोग गिरफ्तार किए गए हैं। फरीदाबाद में संचालित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों का आतंकी घटनाओं में संलिप्त पाया जाना और 360 किलो सोडियम नाइट्रेट जैसे पदार्थ का इकट्ठा करना, प्रदेश की खुफिया एजेंसियों की नाकामी को दर्शाता है। इसका कारण यह माना जाता है कि प्रदेश में आतंकियों पर नजर रखने के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है। कोई स्वतंत्र दस्ता नहीं है।
विभिन्न मामलों में गठित की गई स्पेशन टॉस्क फोर्स और पुलिस अपराधिक मामलों की जांच में ही लगी रह जाती है। उसके पास आतंकी घटनाओं के संबंध में छानबीन करने के लिए समय ही नहीं बचता है। इसी का फायदा उठाकर आतंकी संगठन हरियाणा को सुरक्षित समझते हैं। दिल्ली विस्फोट से पहले भी आतंकी घटनाओं में लिप्त लोग हरियाणा में पकड़े गए हैं। लंबे समय से विभिन्न राज्यों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग फरीदाबाद सहित कई जिलों में पकड़े गए हैं।
हैदराबाद की मक्का मस्जिद में विस्फोट से लेकर समझौता एक्सप्रेस में में धमाका मामले में दूसरे राज्यों की पुलिस राज्य में छापा मारती रही हैं। वर्ष 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले में दयानंद पांडे उर्फ अमृतानंद देव को अनंगपुर स्थित हरि पर्वत मंदिर से गिरफ्तार किया गया था जो यहां कई साल से रह रहा था। सिंतबर 2008 को पुलिस के पास एक काल गई थी जिसमें दिल्ली को बचाने की अपील की गई थी। काल आने के अगले दिन महरौली में विस्फोट हुआ था।
जिस सिम से दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई थी, वह सिम बल्लभगढ़ में किसी ने खरीदा था। यही नहीं, हैदराबाद की मक्का मस्जिद विस्फोट में जो मोबाइल उपयोग किया गया था, उसे फरीदाबाद ओल्ड से खरीदा गया था। इस तरह की और भी कई घटनाएं हरियाणा में हुई थीं। इन घटनाओं को देखते हुए काफी लंबे समय से आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए एक अलग से विंग की जरूरत महसूस की जा रही है। शासन को इस बारे में विचार करना चाहिए।