बोोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
एक सौ एक साल तक जिंदा रहने वाली क्रेओला कैथरीन जॉनसन की गणनाएं इतनी सटीक होती थीं कि अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री तब तक यात्रा के लिए तैयार नहीं होते थे, जब तक उन्हें विश्वास न हो जाए कि कैथरीन ने गणना कर ली है। 26 अगस्त 1918 को वेस्ट वर्जीनिया में जन्मी कैथरीन की गणित में बचपन से ही रुचि थी। वह जब पांचवीं कक्षा में थीं, तब वह हाईस्कूल स्तर के गणित के सवाल हल कर लेती थीं।बचपन से ही पढ़ने में तेज कैथरीन ने 14 साल की उम्र में ही हाईस्कूल की परीक्षा पास कर ली थी। उन्हें लोग बड़े आदर के साथ मानव कंप्यूटर कहा करते थे। चार भाई बहनों में सबसे छोटी कैथरीन की मां शिक्षिका थीं और उनके पिता एक लकड़हारा, किसान और कारीगर थे। अश्वेत परिवार में जन्मी कैथरीन की मां शिक्षा का महत्व समझती थीं। यही वजह है कि तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने पर बहुत ध्यान दिया। अमेरिका में उन दिनों रंगभेद की भावना बहुत प्रबल थी।
अमेरिका के श्वेत नस्ल के लोग अश्वेतों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया करते थे। इसका शिकार कैथरीन भी होती रहीं। उनके साथ भेदभाव किया जाता था, लेकिन वह रंगभेदी व्यवहार का मुकाबला बड़ी हिम्मत और अपनी विलक्षण प्रतिभा से देती रहीं। लैंगिक भेदभाव की भी शिकार हुईं। अपनी प्रतिभा के बल पर 1953 को उन्होंने नासा में ज्वाइन किया और अंतरिक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण अभियानों में सराहनीय योगदान किया।
उनकी सेवाओं के लिए 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जॉनसन को प्रेसिडेंशियल मेडल आॅफ फ्रीडम से सम्मानित किया। 2016 में उन्हें नासा के अंतरिक्ष यात्री लीलैंड डी. मेल्विन द्वारा सिल्वर स्नूपी अवार्ड और नासा ग्रुप अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। 24 फरवरी 2020 में कैथरीन की मृत्यु हो गई।









