Saturday, December 6, 2025

शिष्य ने पूछा-जीवन क्या है?


बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

लियो टॉलस्टाय का जन्म 9 सितंबर 1828 में रूस के एक धनी परिवार में हुआ था। बड़े होकर उन्होंने रूसी सेना में नौकरी कर ली और क्रीमियाई युद्ध में भाग लिया। दो साल के बाद उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी क्योंकि तब तक उनके भीतर लेखन प्रवृत्ति जागृत हो उठी थी। इसके बाद ही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध उपन्यास युद्ध और शांति लिखी। अन्ना करेनिना को उनकी बेहतरीन कृति माना जाता है। 

एक बार की बात है। लियो टॉलस्ट के एक शिष्य ने उनसे सवाल किया, जीवन क्या है? शिष्य की यह भी इच्छा थी कि उसे सरल शब्दों में ही जीवन के बारे में बताया जाए ताकि वह उसके बारे में अच्छी तरह से जान सके। यह सुनकर टॉलस्टॉय कुछ देर तक सोचते रहे और फिर बोले, जीवन क्या है? यह समझाने के लिए मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं। एक व्यक्ति घने जंगल से होकर जा रहा था। 

वह व्यक्ति बड़ी मस्ती में था। तभी उसके सामने से एक हाथी गुजरा। उस व्यक्ति को देखकर हाथी उसकी ओर लपका। अपनी जान बचाने के लिए कुएं में कूद गया। उसने देखा कि नीचे तो साक्षात मौत खड़ी है। कुएं में बरगद का पेड़ उगा हुआ था। वह बरगद की एक डाल पकड़कर लटक गया। उसने नीचे देखा, तो पाया कि मगरमच्छ नीचे बैठा है, जो उसे खाने के लिए तैयार है। जिस डाल  पर वह लटका हुआ था, उससे ऊपर की डाल पर मधुमक्खी का छत्ता लगा हुआ था जिससे शहद टपक रहा था। 

लियो टॉलस्टाय ने अपने शिष्य से कहा कि उस यात्री के लिए हाथी काल बनकर आया था। कुएं में बैठा मगरमच्छ मृत्यु था। वहीं शहद ही जीवन है। यह सुनकर शिष्य ने टॉलस्टाय से कहा कि आज मैं जीवन के बारे में समझ गया।

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