Wednesday, December 10, 2025

हड़ताली डॉक्टरों की वजह से मरीजों को उठानी पड़ी परेशानी


अशोक मिश्र

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को सोमवार और मंगलवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश भर के डॉक्टर दो दिन हड़ताल पर रहे। एसोसिएशन ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने आज यानी मंगलवार देर रात तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया, तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 

प्रदेश सरकार ने एसएमओ की सीधी भर्ती करने का फैसला किया है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के पदाधिकारी सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने इसका विरोध करते हुए अपनी बात सरकार के सामने रखी, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि एसएमओ की सीधी भर्ती से पहले से ही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के प्रमोशन और मेरिट पर सीधा असर पड़ेगा। इस मामले में डॉक्टरों के अपने तर्कहैं, तो सरकार के अपने। इन दोनों के बीच मामला सुलझ नहीं पाने की वजह से बीच में मरीजों को पिसना पड़ रहा है। 

यमुनानगर में सीनियर मेडिकल आॅफिसर की भर्ती के खिलाफ प्रदेश भर के डॉक्टरों ने मोर्चा खोल रखा है। डॉक्टरों की दो दिवसीय हड़ताल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पहले से ही कुछ व्यवस्थाएं कर रखी थीं। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कालेजों में अध्ययनरत मेडिकल छात्र-छात्राओं और एनएचएम स्टाफ की सहायता से हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन चिकित्सा सेवा पर प्रभाव  पड़ना स्वाभाविक है। राज्य के कुछ जिलों में तो सीएचसी और पीएचसी से स्टाफ को बुलाना पड़ा, ताकि छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा सके।  कुछ जिलों में तो हालात लगभग सामान्य रहे, लेकिन कई जिले ऐसे भी हैं, जब गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को इधर उधर भटकना पड़ा। 

कुछ गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों का आपरेशन आदि भी टालना पड़ा। कुछ मरीजों ने हालात की गंभीरता को समझते हुए निजी अस्पतालों की शरण लेने में ही भलाई समझी। डॉक्टरों ने इमरजेंसी, एमएलआर और पोस्टमार्टम जैसे महत्वपूर्ण कामों का बहिष्कार कर रखा था। कुछ जिलों में गंभीर रोगियों को उन जिलों में ट्रांसफर किया गया जहां हालात सामान्य से दिखे थे। इमरजेंसी और ओपीडी में जांच या इलाज के लिए डॉक्टर नहीं मिले। मेडिकल करवाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ी। हड़ताल के संबंध में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि हम हड़ताल को उचित नहीं मानते हैं, लेकिन मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा। दो महीने से सरकार से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है।

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