‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी के साथ मिलकर जब ‘हमवतन’ ने दिल्ली की जनता की नब्ज को टटोला, तो कुछ चौंकाने वाले जवाब सामने आए हैं। मसलन, पिछले 15 सालों से दिल्ली पर राज कर रहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मुकाबले में तो बनी हुई हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में जबर्दस्त गिरावट आई है। इसी तरह सरकार विरोधी माहौल होने के बावजूद भाजपा बहुमत से काफी दूर है। दरअसल, कांग्रेस और भाजपा दोनों के खेल को बिगाड़ रही है आप। पहली बार किसी चुनाव में भाग ले रही आप को दिल्ली के 21 प्रतिशत से ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु जनादेश की संभावना बनती दिख रही है। साप्ताहिक ‘हमवतन’ और ‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी द्वारा 20 सितंबर से चार अक्टूबर के बीच 7, 550 मतदाताओं के बीच कराए गए सर्वे से, जो रुझान सामने आ रहे हैं, वे त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा कर रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में कांग्रेस को भारी झटका लग सकता है। सर्वे का दूसरा पहलू यह भी है कि भाजपा के तमाम दावों के विपरीत उसकी भी सरकार बनने की संभावना नहीं है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भाजपा के बढ़ते कदमों को रोक रही है। साथ ही कांंग्रेस के भी कई इलाके आप के कब्जे में जाते दिख रहे हैं। ग्रामीण, शहरी, इलाकों के युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के बीच दरवाजे से दरवाजे किए गए सर्वे में कांग्रेस के पक्ष में 26 सीटें आती दिख रही हैं। भाजपा को भी इतनी ही सीटें मिलने की संभावना है। जबकि आप को 12 सीटें और अन्य दलों के बीच छह सीटें जाती दिख रही हैं। कांग्रेस के पक्ष में 29.8 फीसदी जनता विश्वास जता रही है, जबकि भाजपा के पक्ष में 36.75 फीसदी जनता वोट डालने के मूड में है। अभी एक साल के भीतर आंदोलन के गर्भ से निकली केजरीवाल की पार्टी आप को 21.20 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं, जबकि 12.25 फीसदी लोग अभी अन्य दलों या निर्दलीय पर यकीन कर रहे हैं।
दिल्ली के लोगों का मिजाज बदल रहा है। लगता है शीला दीक्षित के शासन से लोग ऊब से गए हैं। दिल्ली में 15 सालों में जो विकास हुए हैं, उससे लोग गदगद तो हैं, लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार की वजह से दिल्ली की जनता अब शीला दीक्षित की जगह केजरीवाल को ज्यादा तरजीह दे रही है। केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में 35.35 फीसदी जनता पसंद कर रही है, जबकि शीला दीक्षित को अगले मुख्यमंत्री के लिए 29.4 फीसदी और विजय गोयल को मात्र 27 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं।
दिल्ली की जनता भले ही इस चुनाव में भाजपा को पसंद कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को ज्यादा तरजीह दे रहे है। भाजपा को वोट देने वाले करीब 15 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो सीएम के रूप में केजरीवाल को पसंद कर रहें हैं। इस सर्वे का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के बड़े नेता अब तक चुनाव जीतते रहे हैं, वहां उनके खिलाफ लोगों में ज्यादा गुस्सा है। करीब दर्जन भर कांग्रेस की सीटें ऐसी हैं, जहां बड़े स्तर पर उलटफेर की संभावना है। कांग्रेस के चार मंत्रियों की हार तय मानी जा रही है, क्योंकि उनके इलाके में कहीं भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, तो कहीं केजरीवाल के प्रति।
चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में भाजपा के प्रति जिन लोगों की रूचि बढ़ी है, उसके लिए मोदी फैक्टर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आठ विधानसभा ऐसे पाए गए हैं, जहां केवल मोदी के नाम पर भाजपा की जीत होती दिख रही है।
हालांकि जनता क ा रुझान चुनाव होते-होते बदलते रहते हैं, लेकिन इस सर्वे से यह पता चलता है कि दिल्ली में जो 15 सालों में विकास हुए हैं, वह भ्रष्टाचार और महंगाई के नीचे दबते दिख रहे हैं। शीला आज भी लोगों की पसंद हैं और लोग मानते भी हैं कि दिल्ली में विकास हुए हैं, लेकिन महंगाई, बेकारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों ने कांग्रेस की जमीन को कमजोर किया है।
सर्वे में कुछ अलग-अलग पहलुओं पर भी लोगों की राय जानने की कोशिश की गई। कांग्रेस से अगले मुख्यमंत्री के रूप में कौन बेहतर साबित हो सकता है? इस सवाल के जवाब में जो लोगों की राय मिली है, उसमें कांगे्रस के भीतर शीला दीक्षित सबसे ऊपर हैं।
31 फीसदी लोग शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, सुभाष चोपड़ा को 11 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं। 22 फीसदी लोगों की पसंद मुख्यमंत्री के रूप में जयप्रकाश अग्रवाल हैं, तो 36 फीसदी लोगों ने किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है।
यही हाल भाजपा के भीतर भी है। हालांकि भाजपा ने अभी अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को प्रोजेक्ट करने की बात हो रही है, वह भाजपा के पक्ष में नहीं है। विजय गोयल को मुख्यमंत्री के रूप में 24 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं, जबकि 47 फीसदी लोग सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाह रहे हैं। भाजपा अगर सुषमा स्वराज के नजरिये से चुनाव को देखती है, तो भाजपा को और सीटें मिलने की संभावना बढ़ सकती है। 11 फीसदी लोग हर्षवर्धन को और 18 फीसदी लोग किसी अन्य को भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में पसंद कर रहे हैं।
दिल्ली के इस सर्वे में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार अन्य संभावित प्रधानमंत्री प्रत्याशियों में सबसे आगे निकलते दिख रहे हैं। दिल्ली की 52.7 फीसदी जनता मोदी को अगला प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में हैं, दूसरे नंबर पर राहुल गांधी हैं। उनके पक्ष में 28.15 फीसदी जनता खड़ी है। सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने, इसकी चाहत 6.25 फीसदी लोगों में है। दिल्ली के इस सर्वे में छह फीसदी लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि लालकृष्ण आडवाणी के पक्ष में तीन फीसदी और मुलायम सिंह यादव और मायावती के पक्ष में दो-दो फीसदी लोग समर्थन में हैं।
सर्वे रिपोर्ट
‘हमवतन’ एवं ‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव पर सर्वे-2013
-सर्वे की अवधि ( 20 सितंबर से 04 अक्टूबर)
-कुल विधानस सीट- 70
-कुल जनमत संग्रह- 7550
पार्टी लोगों की राय (में) संभावित सीटें
कांग्रेस 29.8 - 26
भाजपा 36.75 - 26
आप 21.20 - 12
अन्य 12.25 - 6
- त्रिशंकु विधानसभा के आसार
- कांग्रेस को हानि, भाजपा की बढ़त पर झाडू का अडंÞगा
- किसी भी दल को बहुमत नहीं
भाजपा में सीएम के रूप में कौन है
जनता की पसंद (प्रतिशत में)
विजय गोयल - 24
हर्षवर्धन- 11
सुषमा स्वराज- 47
अन्य- 18
युवाओं की पसंद
मोदी - 58
राहुल - 42
महिलाओं की पसंद
राहुल - 62
मोदी- 48
कांग्रेस में सीएम के रूप में जनता की पसंद (प्रतिशत में)
शीला दीक्षित - 31
सुभाष चोपड़ा - 11
जयप्रकाश अग्रवाल- 22
अन्य - 36
देश का प्रधानमंत्री कौन बने? लोगों की राय (प्रतिशत में)
नरेंद्र मोदी- 52.7
राहुल गांधी- 28.15
सोनिया गांधी- 6.25
नीतीश कुमार- 6
लालकृष्ण आडवाणी- 3
मुलायम सिंह यादव- 2
मायावती - 2
दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बने, इस पर जनता की राय (प्रतिशत में)
केजरीवाल - 35.35
शीला दीक्षित - 29.4
विजय गोयल - 27.05
पार्टियों के बारे में लोगों की राय
प्रश्न 05 - सबसे भ्रष्ट पार्टी लोगों की नजर में
कांग्रेस भाजपा सभी पार्टियों
48 41 11
प्रश्न 07 - दिल्ली की प्रमुख समस्या लोगों की नजर में
भ्रष्टाचार बेरोजगारी पानी/बिजली महिलाओं से छेड़छाड़
48 28 17 7
प्रश्न 08 - क्या अपराधियों को टिकट मिलना चाहिए?
नहीं हां नहीं पता
87 3 10
प्रश्न 10 - दिल्लीवासियों की नजर में देश की समस्या
भ्रष्टाचार आतंकवाद बेरोजगारी महंगाई
41 20 33 14
प्रश्न 11 -लोगों की नजर में राजनीति कैसी हो?
सेक्युलर धार्मिक विकास
83 11 6
प्रश्न- 12 -किस आधार पर वोट देंगे
पार्टी के नाम पर उम्मीदवार के नाम पर
78 22
प्रश्न -13-विकास के बारे में दिल्ली की जनता की राय
विकास हुआ है विकास नहीं हुआ नहीं जानते
73 18 9
प्रश्न -14 क्या शीला दीक्षित को हटना चाहिए?
हां नहीं नहीं जानते
46 49 5
प्रश्न - 16 क्या आप अपने विधायक से खुश हैं?
हां नहीं पता नहीं
34 57 9
प्रश्न- 19 दिल्ली पुलिस का कार्य कैसा है?
अच्छा बेकार मालूम नहीं
33 52 15
प्रश्न - 20 देश के दूसरे इलाके में हाल में हुए दंगे जनता की नजर में
राजनीतिक सांप्रदायिक नहीं जानते
73 22 5
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