-अशोक मिश्र
जब मैंने सुना कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की धमक हमारे मोहल्ले तक पहुंच चुकी है, तो मेरी छाती छप्पन इंच की हो गई। लेकिन मैं 'सबसे भले विमूढ जिन्हें न व्यापे जगत गतिÓ की तरह घर से नहीं निकला, तो नहीं निकला। हालांकि घरैतिन ने कई बार ताने मारे, लोगों की सक्रियता का विशद वर्णन किया। शाम को सौ रुपये का नोट पकड़ाते हुए सब्जी लाने का आदेश जारी हुआ, तो घर से निकला ही पड़ा। चौराहे पर पहुंचा, तो देखा कि मोहल्ले भर के छोरे एक जगह टेंट गाड़े हुए मैल इक_ा कर रहे हैं। किसी के हाथ में हाकी थी,तो किसी के हाथ में डंडा। कुछ की जेब में देशी कट्टा (बंदूक) होने का भी मुझे आभास हुआ। सडक़ परआने-जाने वालों को ये छोरे रोकते, उन्हें कुछ समझाते, जो उनकी बात मानकर टेंट के भीतर चला जाता, तो वे प्रसन्न हो जाते। यदि कोई हुज्जत करता, तो गाल पर दो-चार कंटाप, पीठ पर एकाध ल_ जमा देते। वह आदमी अपनी औकात में आ जाता। यदि इन छोरों की जमात का कोई निकल आता, तो वे हाथ उठाकर उसी तरह नमस्कार करते हैं, जैसे दाहिना हाथ उठाकर कामरेड लोग क्रांतिकारी अभिवादन करते हैं। टेंट के आसपास बड़े-बड़े पोस्टरों पर लिखा हुआ था, 'हाथ की मैल यहां दें।Ó
16 oct 2014 ko jansandesh times mein prakashit |
मैंने सोचा, इन छोरों का तरीका भले ही गलत हो, लेकिन इनका उद्देश्य कितना पवित्र है। मेरा मन गदगद हो गया। तभी टेंट से उस्ताद मुजरिम बाहर निकले और मुझे देखते ही बोले, 'आओ..आओ..इस पुनीत कार्य में तुम्हारी भी कुछ भागीदारी होनी चाहिए।Ó बड़े प्रेम से मेरी बांह पकडक़र वे मुझे टेंट में ले गए। मैंने देखा, लोग आते और मेज पर रखे बक्से में नोट डालकर चले जाते। मैंने उस्ताद मुजरिम से पूछा, 'उस्ताद यह क्या? बाहर तो लिखा है, हाथ की मैल यहां दें और भीतर आप लोग वसूली कर रहे हैं।Ó मेरी बात सुनकर मुजरिम हंसे और बोले, 'तुम नादान हो। भारत के बड़े-बड़े ऋषि-मुनि यही कहते आए हैं कि रुपया-पैसा इंसान के हाथ की मैल है। मोदी जी ने जब स्वच्छता अभियान की शुरुआत की, तो मैंने सोचा, लोगों के हाथ की मैल सबसे पहले छुड़ानी चाहिए। जब तक व्यक्ति पाक-साफ नहीं होगा, तब तक भारत स्वच्छ हो ही नहीं सकता।Óइतना कहकर मुजरिम ने मेरी ओर देखा और बोले, 'तू भी हाथ की मैल निकाल दे।Ó और फिर मैं सब्जी लिए बिना घर लौट आया।
आपकी लिखी रचना शनिवार 18 अक्टूबर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
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