Monday, October 6, 2025

मोटी कमाई की लालच में लोग गंवा बैठते हैं अपनी जमापूंजी

अशोक मिश्र

इंसान हमेशा अपने लालच के हाथों छला जाता है। यदि मनुष्य लालच न करे, तो वह जितना कमाता है, उतने में संतोष से अच्छी जिंदगी बसर कर सकता है। लेकिन यदि एक बार किसी इंसान के भीतर लालच समा गया, तो वह चैन से नहीं बैठ पाता है। आज हरियाणा में अगर साइबर ठगी बढ़ती जा रही है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि साइबर ठगों ने अपने शिकार के लालची प्रवृत्ति का फायदा उठाया है। 

साइबर ठग बस बिना मेहनत किए घर बैठे कमाई करने का लालच दिखाते हैं और धीरे-धीरे आदमी उनके जाल में फंसता जाता है और उसे होश तब आता है, जब वह पूरी तरह लुट चुका होता है। फरीदाबाद में एक जीएसटी प्रैक्टिशनर को मोटी कमाई का लालच देकर दो अलग-अलग साइबर ठगों ने कुल मिलाकर 30 लाख ठग लिए। जीएसटी प्रैक्टिशनर को फेसबुक पर स्क्राल करने के दौरान एक लिंक मिला। उसे क्लिक करते ही साइबर ठगों ने उसे एक ह्वाट्स अप ग्रुप से जोड़ दिया गया। 

इसके बाद तो वह इस ग्रुप से उस ग्रुप होता हुआ प्रेमजी एक्स एप तक पहुंचा जहां तन्वी पांडेय नाम की महिला ने शेयर ट्रेडिंग क्षेत्र में खुद को काम करने वाली बताया और धीरे-धीरे उसे विश्वास में लेकर आठ बार में अलग-अलग बैंक एकाउंड में बारह लाख चालीस हजार रुपये जमा करवाए। मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। इसी दौरान वह एक दूसरे साइबर ठग के संपर्कमें आया और लगभग इसी तरह की प्रक्रिया अपनाकर उससे नौ बार में अलग-अलग बैंक खातों में 17 लाख 43 हजार रुपये जमा करवा लिया गया। साइबर ठगों ने उसको मोटा मुनाफा होता तो दिखाया, लेकिन वह मुनाफा उसे कभी हासिल नहीं हुआ, तब जाकर जीएसटी प्रैक्टिशनर को आभास हुआ कि वह लगभग तीस लाख रुपये ठगा जा चुका है। 

इस तरह की ठगी प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में आम हो चुकी है। साइबर ठग चिकनी-चुपड़ी बातें करके पहले अपने टारगेट को विश्वास में लेते हैं। फिर किसी बड़ी कंपनी से मिलते-जुलते नाम वाली कंपनी में पूंजी निवेश या उस कंपनी का शेयर खरीदने के नाम पर बैंक एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवाते हैं। इसके बाद भी वह अपने टारगेट को छोड़ते नहीं हैं। जब शिकार प्राफिट या मूल रकम वापस मांगता है, तो कई तरह के सरचार्ज बताकर फिर रुपये वसूले जाते हैं। 

यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक शिकार खुद नहीं समझ जाता है कि वह ठगा जा चुका है। अब जीएसटी प्रैक्टिशनर ने पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। शिकार हुए प्रैक्टिशन का पैसा वापस मिलने की उम्मीद बहुत ही कम है। यदि इंसान थोड़ा सा सतर्करहे और लालच में न पड़े तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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