हरियाणा में अगर लिंगानुपात नहीं सुधर रहा है, तो इसके सबसे बड़े दोषी यहां के निवासी हैं। प्रदेश सरकार बराबर प्रयास कर रही है कि लड़के और लड़कियों का अनुपात लगभग बराबर हो जाए, ताकि गर्भ में कन्या होने के नाते मार दिए जाने वाले भ्रूणों को भी जीने का हक मिल जाए और लिंगानुपात असंतुलन के चलते कुंवारे रह जाने वाले लड़कों को भी जीवन साथी मिल जाएं। लेकिन लोग हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं। अवैध गर्भपात न होने पाए, इसके लिए प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ आईडी को अनिवार्य कर दिया है। इसके बावजूद कुछ गर्भवती महिलाओं ने आईडी बनवाना जरूरी नहीं समझा।
प्रदेश सरकार ने ऐसी 1700 महिलाओं को नोटिस देकर रजिस्ट्रेशन न कराने का कारण पूछा है। यदि इन महिलाओं के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है। सैनी सरकार ने राज्य के 481 ऐसे गांवों की पहचान की है जहां लिंगानुपात सात सौ से कम है। सैनी सरकार का सारा ध्यान इन्हीं गांवों पर लगा हुआ है ताकि किसी भी तरह इन गांवों में लिंगानुपात सुधारा जा सके। इन गांवों में सर्वे किया जा रहा है। इतनी सतर्कता और सख्ती के बावजूद प्रदेश में 1700 गर्भवती महिलाओं का रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ आईडी न बनवाना चौंकाता है।
स्वास्थ्य विभाग बहुत पहले यह निर्देश दे चुका है कि हर गर्भवती महिला को गर्भधारण के दस सप्ताह के भीतर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण का काम एएनएम को सौंपा गया है। पंजीकरण कराने के बाद गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की जटिलताओं का समय पर पता लगाया जा सकता है, उसका निदान किया जा सकता है। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं का पंजीकरण न कराना, इनकी मंशा को उजागर करता है। ऐसी महिलाएं संभव है कि गर्भ का परीक्षण कराकर कन्या भ्रूणहत्या की फिराक में हो।
पंजीकरण कराने पर जब सरकार हर तरह की सुविधाएं गर्भवती महिला को उपलब्ध कराती है, तो फिर इसके पीछे दूसरा कारण और क्या हो सकता है। आरसीएच आईडी के बिना कोई भी गर्भवती महिला किसी भी सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सुविधा हासिल नहीं कर सकेगी। एक बार किसी गर्भवती का आरसीएच आईडी बनने के बाद उसको ट्रेस करना आसान हो जाएगा। वह किसी भी तरह अवैध गर्भपात नहीं करा सकेगी। इससे प्रदेश में हो रहे अवैध गर्भपात पर लगाम लग सकेगी। अवैध गर्भपात रोकने के लिए सबसे पहले गैरपंजीकृत क्लीनिकों पर अंकुश लगाना होगा ताकि लोग अवैध गर्भपात न करा सकें।
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