फारसी में सदियों पुरानी एक कहावत है-देर आयद, दुरुस्त आयद। इसका मतलब है कि देर से आए, लेकिन सही सलामत आए। यह कहावत उस जमाने की है, जब आज की तरह हाई स्पीड वाली गाड़ियां नहीं हुआ करती थीं। बैलगाड़ियां, रथ, घोड़े और हाथी जैसे आवागमन के साधन हुआ करते थे। उस जमाने में भी लोग तेज रफ्तार की वजह से होने वाले हादसों से परिचित थे। लेकिन जब आज हाईस्पीड गाड़ियां बाजार में आ गई हैं, तब भी लोग तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने का रोमांच छोड़ नहीं पा रहे हैं।
कल यानी शनिवार को सोनीपत में जन्मदिन मनाकर लौट रहे चार दोस्त हादसे का शिकार हो गए। बागपत के बिनौली गांव में रहने वाले प्रिंस का जन्मदिन था। उसने अपने तीन दोस्तों आदित्य विशाल और सचिन को मुरथल के ढाबे पर जन्मदिन मनाने के लिए बुुलाया। ढाबे में पार्टी हुई। हो सकता है कि आज के चलन के मुताबिक चारों दोस्तों ने ड्रिंक भी की हो। जब पार्टी मनाते लोगों को देर होने लगी, तो घरवालों के फोन आने लगे।
पार्टी करके लौटते समय चालक गाड़ी को तेज रफ्तार में भगाने लगा ताकि जल्दी से जल्दी घर पहुंच जाएं। घरवालों की डांट से बचने के चक्कर में तेज रफ्तार गाड़ी फ्लाईओवर के डिवाइडर से टकराई और तीन-चार बार पलट गई। इस दौरान गाड़ी में आग भी लग गई। गाड़ी में ही फंस जाने की वजह से आदित्य तो जिंदा जल गया, बाकी तीनों दोस्तों को किसी तरह राहगीरों ने बाहर निकाला।
कुछ समय बाद प्रिंस की उसी दिन मौत हो गई जिस दिन उसका जन्मदिन था। सचिन की भी रास्ते में मौत हो गई। बुरी तरह घायल विशाल का उपचार चल रहा है। सड़क पर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने का शौक मौत का कारण बनता जा रहा है। केंद्र और सभी राज्यों की सरकारें लगातार मुहिम चला रही हैं ताकि सड़कों पर होने वाले हादसों को न्यूनतम किया जा सके। सैनी सरकार भी हादसों को शून्य पर लाना चाहती है, लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जब तक लोग खुद इसके प्रति जागरूक नहीं होते हैं।
हालांकि यह भी सही है कि सरकार के प्रयास करने से हादसों के आंकड़े घटे हैं, लेकिन यह आंकड़े अभी संतोषजनक नहीं हैं। हरियाणा में साल 2024 के दौरान 9806 सड़क हादसे हुए। इन हादसों में करीब 4689 लोगों की मौत हो गई, 7914 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा साल 2023 के मुकाबले काफी कम है। खास बात यह है कि पुलिस ने साल 2024 के सड़क हादसों में घायल होने वाले 5313 लोगों को फस्ट एड की सुविधा मुहैया करवाई, वहीं 7090 घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। साल 2023 में 10 हजार 168 सड़क हादसे हुए, जिनमें 5092 लोगों की मौत हुई है। साल 2022 में 11 हजार 130 सड़क हादसों में 5621 लोगों की मौत हुई थी।
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