Sunday, July 27, 2025

देश के हम करोड़ों बेवड़ों का ख्याल जरूर रखें

 अशोक मिश्र

जब से अपने प्यारे दुलारे देश में यह खबर फैली है कि ग्रेट ब्रिटेन से भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर लिया है, तब से अपने देश के एसीपी और डीसीपी काफी प्रसन्न हैं। न...न, एसीपी और डीसीपी का वह मतलब नहीं है जो आप समझ रहे हैं। सोशल मीडिया शब्दकोष के मुताबिक एसीपी का मतलब है एल्कोहल कंज्यूमिंग पर्सन और डीसीपी का अर्थ है डेली कंज्यूमिंग पर्सन। जो कभी-कभार सुरा का उपभोग करता है, एसीपी है। जिसको सुबह उठने से लेकर रात सोने तक बिना पीए रहा नहीं जाता है, वह डीसीपी है।

कल आफिस से जब पीजी पहुंचा, तो मुसद्दी लाल पहले से ही रूम में विराजमान थे। उन्हें यह मालूम था कि कमरे की चाबी उस गमले के नीचे रखी मिलेगी जिस गमले में कभी कोई पौधा लगाया ही नहीं गया है। दरअसल जिस पीजी में मैं रहता हूं, उस कमरे में मेरा एक रूम पार्टनर भी रहता है। वह महीने दो महीने में कभी-कभार एकाध दिन के लिए आता है, लेकिन वह कमरे का आधा किराया जरूर समय पर चुका देता है। अब उसके आने का कोई दिन तो तय होता नहीं है, इसलिए मुझे अपने कमरे की चाबी उस नियत स्थान पर रखना ही पड़ता है।

मैंने देखा कि मुसद्दी लाल दोनों बेड को जोड़कर पूरी महफिल सजा चुके थे। मैंने पूछा- अरे! भाई साहब, आप कब आए? और यह क्या? लगता है कि कहीं से वाइन शाप पर डाका डालकर आए हैं। कई किस्म की शराब सजा रखी है।

मुसद्दी लाल ने नशे की अधिकता से मुंदती आंखों को सायास खोलने की कोशिश करते हुए कहा, अमां यार! खुशी का मौका है। आज तो पार्टी बनती है न। मुसद्दी लाल की बात सुनकर मैं चौंक पड़ा। मैंने पूछा-क्या आज कोई खास बात है? आखिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है?

मुसद्दी लाल ने लड़खड़ाती आवाज में कहा-तुम तो जानते हो। अपने पीएम मोदी ने आज ब्रिटेन से ट्रेड डील की है। उस ट्रेड डील के मुताबिक बहुत जल्दी अपने देश में इंग्लैंड की जानीवॉकर वाइन और स्कॉच बहुत सस्ती बिकने लगेगी। अबे जिस शराब के नाम पर अपना नाम रखने वाले कमेडियन ने पूरी जिंदगी कमाई की, उस नाम की वाइन पीकर सोच हमें कितना मजा आएगा। बस, कुछ ही दिनों की बात है, जब हर गली-कूचे में जानीवॉकर बिका करेगी। वैसे तो अपने माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने कई अच्छे और कल्याणकारी काम किए हैं, लेकिन देश के बेवड़ों के लिए सस्ती शराब का जो इंतजाम किया है, उसके लिए अपने देश के सारे बेवड़े उनके आभारी हैं। मैं तो कहूंगा कि देश के सारे बेवड़े मिलकर अखिल भारतीय बेवड़ा संघ बनाएं और अगली बार भी मोदी जी को पीएम बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाएं।

मैंने मुसद्दी लाल को समझाने का प्रयास किया, देखिए!, ब्रिटेन से केवल वाइन ट्रेड का ही समझौता नहीं हुआ है। बहुत सारे मुद्दे हैं। कुछ चीजें हमारे देश से वहां जाएंगी, बहुत सारी चीजें वहां से हमारे देश आएंगी। यह सही है कि कार, वाइन जैसी तमाम चीजें हमारे देश में सस्ती हो जाएंगी, लोगों को इसका लाभ मिलेगा। कुछ उत्पाद हमारे देश के वहां सस्ते में मिलेंगी, यह सब तो एक सामान्य प्रक्रिया है। इसमें शराब थोड़ी बहुत सस्ती हो गई, तो कोई बड़ी बात नहीं है।

मुसद्दी लाल ने पैग खत्म करते हुए कहा, देखो! मेरी कार खरीदने की औकात तो है नहीं। बेवड़ा हूं, रोज पिये बिना नींद नहीं आती है। मेरे लिए तो वही चीज मायने रखती है जिसको खरीदने की मेरी औकात है। हर आदमी अपना हित देखता है। भारत-ब्रिटेन समझौते में मुझे शराब ही अपने फायदे की चीज लगी, तो उसके गुन न गाऊँ? मैं तो कहूंगा कि मोदी जी फ्रांस, जर्मनी, जापान जैसे तमाम देशों से भले ही गेहूं, चावल, मसाला, दवाओं का व्यापार करें या न करें, लेकिन देश के हम करोड़ों बेवड़ों का ख्याल अवश्य रखें। हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि हमारे पीएम हमेशा स्वस्थ रहें और हम बेवड़ों के वोटों से सातवीं आठवीं बार पीएम बनें।

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