Thursday, July 24, 2025

रास्ते का रोड़ा उखाड़ फेंकना चाहिए

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

लौह पुरुष की उपाधि से अलंकृत सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले  उप प्रधानमंत्री थे। भारत के आजाद होने पर जिस तरह उन्होंने भारतीय रियासतों का भारत में विलय कराया, उसको देखते हुए देश की जनता ने उन्हें सम्मानपूर्वक लौह पुरुष कहा। वल्लभभाई झावेरभाई पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड शहर में 31 अक्टूबर 1875 में हुआ था। कहा जाता है कि सरदार पटेल की पढ़ाई थोड़ी देर से शुरू हुई थी। 

उन्होंने बाइस साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। लेकिन बाद में उन्होंने लंदन से बैरिस्टरी पास की और देश के नामी वकील बने। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी रहे। वह महात्मा गांधी की विचारधारा से काफी प्रभावित थे। जब गांधी जी ने खादी पहनने का आह्वान किया, तो उन्होंने अपनी बेटी मणि और बेटे दहिया के साथ खादी पहनना शुरू कर दिया। 

लौहपुरुष के छात्र जीवन की एक घटना बताई जाती है। कहा जाता है कि वह अपने स्कूल पैदल ही जाते थे। उनके साथ आसपास के अन्य छात्र भी रहते थे। एक दिन जब छात्रों का यह गुट स्कूल जा रहा था, तो उनके साथियों ने पाया कि उनका साथी वल्लभ बहुत पीछे रह गया है। वह लोग रुक गए। थोड़ी देर बाद जब वल्लभ भाई आए तो उनके साथियों ने पूछा कि तुम कहां रुक गए थे। स्कूल के लिए काफी देर हो रही है। तब वल्लभ भाई ने जवाब दिया कि रास्ते में एक पत्थर गड़ा हुआ था जिससे लोगों को आते-जाते समय चोट लग सकती थी। 

मैंने वह पत्थर उखाड़कर किनारे रख दिया है। अब किसी को चोट नहीं पहुंचेगी। उनके साथियों ने कहा कि यह तुमने क्या किया? वह पत्थर खेत का सीमांकन भी हो सकता है। इस पर वल्लभ भाई ने कहा कि जो रास्ते का रोड़ा बने उसे उखाड़ फेंकना चाहिए।

3 comments:

  1. सहज,सरल प्रेरक,शिक्षाप्रद , लघुकथा।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २५ जुलाई २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. प्रेरक प्रसंग!

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