Friday, July 18, 2025

हरियाणा में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

अशोक मिश्र

हरियाणा में सक्रिय खनन माफियाओं की अब खैर नहीं है। सैनी सरकार ने इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है। पुलिस और खनन विभाग ने भी इस मामले में तत्परता से काम करना भी शुरू कर दिया है। खनन और भूविज्ञान विभाग के साथ-साथ पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के अंतर्गत 3733 खनन स्थलों की जांच की गई है।

सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 10 जुलाई तक पूरे प्रदेश में जहां 3039 खनन स्थलों की जांच करने के बाद अवैध खनन करने वालों को 684 केस दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल 19 जुलाई तक पुलिस और खनन एवं भूविज्ञान विभाग ने मिलकर 3733 खनन स्थलों की जांच की। इन स्थलों पर गड़बड़ी मिलने पर 860 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। प्रदेश में अवैध खनन में लिप्त पाए गए 754 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पिछले साल 626 लोग गिरफ्तार किए गए थे। 

पिछले साल 10 जुलाई तक 945 वाहनों को जब्त किया गया था, जबकि समान अवधि के लिए इस साल 1186 वाहन जब्त किए गए। इतना ही नहीं, इस साल साढ़े दस करोड़ रुपये जुर्माना भी वसूला गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जो भी कानून का उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा, उसे किसीभी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कानूनी और पर्यावरणीय मर्यादा के भीतर ही होना चाहिए। लेकिन पिछले कई दशकों से खनन माफियाओं ने अरावली पहाड़ियों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर खनन करके प्रदेश को काफी राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। पिछले पंद्रह साल में खनन माफिया ने आठ से दस किमी क्षेत्र में पूरी पहाड़ी को ही वीरान कर दिया। 

2023 के दौरान राजस्थान में किए अध्ययन के मुताबिक 1975 से 2019 के बीच अरावली की करीब आठ फीसदी पहाड़ियां गायब हो गईं। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि अगर अवैध खनन और शहरीकरण ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2059 तक यह नुकसान 22 फीसदी पर पहुंच जाएगा। नूंह के नहरिका, चित्तौड़ा और रावा आदि गांवों में मौजूद पहाड़ियों से आठ करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा खनन सामग्री गायब हो चुकी है। इससे हरियाणा को करीब 22 अरब रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। 

गुजरात से लेकर हरियाणा तक फैली अरावली की पहाड़ियों पर खनन माफियाओं की कई दशकों से निगाह रही है। अरावली पर पेड़ों की अवैध कटान से लेकर खनन तक होता रहा है और इसमें कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत की बात कही जा रही है। 

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