हरियाणा में मानसून आ चुका है। बरसात भी हो रही है। लेकिन अभी पूरे हरियाणा में मानसून ने अच्छी तरह से रफ्तार नहीं पकड़ी है जिसकी वजह से लोग गर्मी और उमस से काफी परेशान हैं। ऐसी स्थिति में बार-बार लगने वाले बिजली कट परेशानी को और बढ़ा रहे हैं। बिजली कट लगने का कोई समय भी निर्धारित नहीं है। थोड़ी सी बरसात हुई, तो लग गया बिजली कट। बरसात नहीं हुई, तो भी बिजली कट से मोहलत नहीं। दिन हो या रात, बिजली किसी भी समय जा सकती है।
ऐसी स्थिति में लोगों को परेशानी हो रही है, उसके साथ-साथ घोषित -अघोषित रूप से लगने वाले बिजली कट से उद्योगों को भी भारी परेशानी और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री विज का कहना है कि प्रदेश में बिजली के ट्रांसफार्मर की क्षति दर में भी गिरावट आई है जिससे लोगों को न्यूनतम बिजली कट का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि ऊर्जा मंत्री विज का कहना है कि हरियाणा में बिजली सप्लाई को लेकर किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं है। दूसरों से बिजली लेने के लिए प्रदेश सरकार ने लंबे समय अवधि वाले समझौते कर रखे हैं। हरियाणा को सोलह हजार मेगावॉट बिजली की आवश्यकता होती है जिसकी पूरी व्यवस्था राज्य सरकार ने कर रखी है। सैनी सरकार कुछ ऐसी योजनाओं पर भी काम कर रही है जिससे आगामी कुछ वर्षों में बिजली की कमी को दूर किया जा सके। सन 2031 तक यानी आगामी छह साल के बीच हरियाणा के गोरखपुर गांव में देश का सबसे बड़ा परमाणु बिजली संयंत्र लगने जा रहा है।
इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। इस संयंत्र से 2800 मेगावाट का परमाणु बिजली उत्पादन होने का अनुमान है। इस संयंत्र में पैदा होने वाली आधी बिजली हरियाणा को मिलेगी, जिससे प्रदेश को अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने में काफी सहूलियत भी होगी। इस संयंत्र के लगने से 2800 मेगावाट बिजली पैदा करने में जो प्रदूषण होता, उससे भी बचत हो जाएगी।
परमाणु बिजली संयंत्र से किसी प्रकार के प्रदूषण का कोई खतरा नहीं रहता है। वैसे सैनी सरकार ने तारों के माध्यम से होने वाले विद्युत लॉस को कम करने में सफलता भी हासिल कर ली है। पिछले 13 वर्षों में हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानि को रोकने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। वर्ष 2012-13 में बिजली हानि 29.31 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2025 में मात्र 10.52 प्रतिशत पर आ गई है। बिजली हानि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में 35.60 प्रतिशत से गिरकर 9.38 प्रतिशत और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 23.29 से घटकर 11.35 प्रतिशत रह गई है।
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