किसी देश या प्रदेश ने कितनी प्रगति की है, इसको मापने का साधारण सा पैमाना सड़कें होती हैं। सड़कों की दशा बताती हैं कि प्रदेश में उद्योग-धंधों के विकास और विस्तार के लिए सरकार कितनी रुचि ले रही है। प्रदेश में जितनी अच्छी सड़कें होंगी, कारोबार उतनी ही गति से प्रगति करेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रदेश में सड़कों के नवीनीकरण और मरम्मत की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में पंद्रह जून तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका।
सड़कों की दशा ठीक नहीं होने से हादसों की आशंका बनी रहती है। कई बार बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी भरा होने की वजह से वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को पता ही नहीं चल पाता है कि आगे गड्ढा है। ऐसी स्थिति में हादसा हो जाता है। सड़कों पर बने गड्ढे और टूटी-फूटी सड़कें हादसे का एक प्रमुख कारण हैं। वैसे तो राज्य में सड़कों का एक अच्छा नेटवर्क है। इन सड़कों की मरम्मत और बने गड्ढों पर यदि ध्यान दिया जाए, तो प्रदेश में यात्रा करना काफी सुखद हो सकता है।
प्रदेश में बनी सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, प्रमुख जिला सड़कें और अन्य जिला सड़कें शामिल हैं। हरियाणा में सड़कों की कुल लंबाई 26,062 किमी है। यह हरियाणा जैसे छोटे राज्य के लिए पर्याप्त मानी जाती है। इन सड़कों में 2,482 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग, 1,801 किमी राज्य राजमार्ग, 1,395 किमी जिलों की प्रमुख सड़कें और 20,384 किमी अन्य जिला सड़कें शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, देखभाल और उसकी मरम्मत का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मे है।
आमतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर अव्यवस्था या गड्ढे नाममात्र के ही दिखाई पड़ते हैं। सबसे बड़ी समस्या जिलों की शहर और ग्रामीण इलाके में आने वाली सड़कों की है। इन सड़कों की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होती है। प्रदेश में जितने भी सड़क हादसे होते हैं, वह राज्य राजमार्ग और जिलों की सड़कों पर बने गड्ढों और खराब होने की वजह से होते हैं। नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों का कारण आमतौर पर ओवर स्पीड होती है। बरसात के दिनों में हादसों की संख्या कुछ प्रतिशत बढ़ जाती है। इसका कारण सड़कों पर बने गड्ढे और खराब सड़कें हैं। सैनी सरकार पूरे प्रदेश को गड्ढा मुक्त बनाने का प्रयास कर रही है।
हरियाणा में सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, शहरों में बाईपास बनाने और सड़कों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके बावजूद सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का लक्ष्य अभी दूर नजर आ रहा है।
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