Monday, July 28, 2025

हरियाली तीज पर महिलाओं को उपहार दे सकती है सैनी सरकार



अशोक मिश्र

हरियाणा सरकार सोमवार को भव्य स्तर पर हरियाली तीज मनाएगी। इस दिन महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडो लक्ष्मी योजना की घोषणा कर सकते हैं। इस योजना की घोषणा की प्रदेश की लाखों महिलाएं बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। प्रदेश की महिलाओं के लिए लाडो लक्ष्मी योजना के तहत प्रति माह मिलने वाली 2100 रुपये की रकम एक बड़ा संबल बन सकती है। इस रकम से महिला अपने घर की आर्थिक दशा को थोड़ा बहुत सुधार सकती है। यदि वह इस छोटी सी लगने वाली रकम को साल-दो साल तक संचित कर ले, तो वह छोटा-मोटा रोजगार भी शुरू कर सकती है। 

पिछले साल चुनाव के दौरान सीएम सैनी ने प्रदेश की महिलाओं को यह उपहार देने की घोषणा की थी। ऐसे में हरियाली तीज से बढ़कर कोई दूसरा बेहतरीन अवसर नहीं हो सकता है। हरियाली तीज हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने मायके में आकर जहां अपने माता-पिता, भाई-बहन, भाभी और सहेलियों से मिलती है, उनके दुख-सुख की जानकारी हासिल करती है, वहीं हरियाली तीज पर व्रत रखकर अपने पति के लंबे जीवन की कामना करती है। 

अपने लंबे वैवाहिक जीवन और सुख-शांति की मनोकामना करती है। ऐसी स्थिति में अगर सैनी सरकार से उसे लाडो लक्ष्मी योजना के तहत मासिक सहायता मिल जाती है, तो यह खुशी दोगुना हो जाएगी। वैसे भी हरियाली तीज और हरियाणा के बीच एक बहुत ही गहरा रिश्ता है। स्कंद पुराण में हरियाणा का उल्लेख हरियाली के नाम से मिलता है। लेकिन छठी शताब्दी में यही हरियाली नाम हरियाला में बदल गया। कुछ इतिहासकारों का मत है हरियाली से हरियाणा बना है। महाभारत काल से ही हरियाणा को भरपूर अनाज (बहुधान्यक) और विशाल धन(बहुधना) की भूमि के रूप में जाना जाता है। 

हरियाणा क्षेत्र को प्रकृति पूजकों का क्षेत्र माना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आज तक हरियाणा प्रचलित ज्यादातर रीति-रिवाज और व्रत-त्यौहार प्रकृति से ही जुड़े हैं। हरियाली तीज भी प्रकृति पूजकों का ही त्यौहार है। सावन महीने में मनाई जाने वाली हरियाली तीज भी प्रकारांतर से प्रकृति की ही पूजा है। हरियाणा प्रदेश की वर्तमान संस्कृति में पुरातन और अधुनातन दोनों का सम्मिश्रण परिलक्षित होता है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता को सुरक्षित और पुष्पित-पल्लवित करने में हरियाणा के प्रकृति पूजकों की एक बड़ी भूमिका रही है। हरियाणा के पिछले कुछ दशकों से बिगड़ते पर्यावरण को सुधारने के लिए हमें अपने पूर्वजों की तरह एक बार फिर पूरे हरियाणा को वनाच्छादित करना होगा।

No comments:

Post a Comment