फतेहाबाद का गोरखपुर गांव इन दिनों काफी चर्चा में है। चर्चा का कारण भी है। कारण यह है कि सन 2031 तक यानी आगामी छह साल के बीच गोरखपुर गांव में देश का सबसे बड़ा परमाणु बिजली संयंत्र लगने जा रहा है। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। शनिवार को गांव गोरखपुर पहुंचकर सीएम नायब सिंह सैनी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कार्यों की समीक्षा की।
हरियाणा सदैव नवीन कार्यों को अंजाम देने में आगे रहा है। पूरे भारत में जब हरित क्रांति का नारा दिया गया ताकि देश को खाद्यान्न मामलों में आत्मनिर्भर बनाया जा सके तो सबसे पहले हरियाणा आगे आया था। हरियाणा के किसानों ने अपने खेतों में अधिक से अधिक अन्न पैदा करके देश को भुखमरी से बचाया और देश के सामने एक मिसाल पेश की। हरियाणा के किसानों ने न केवल कृषि यंत्रों का भरपूर उपयोग किया, बल्कि खेती के मामले में नए-नए प्रयोग भी किए।
नतीजा यह हुआ कि दूसरे राज्यों ने भी हरियाणा से सीखकर अपने को खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर बनाया। हालांकि यह भी सच है कि कृषि यंत्रों पर निर्भरता बढ़ने से कृषि कार्यों में पशुओं का उपयोग लगभग खत्म हो गया जिसकी वजह से किसानों ने धान की पराली को खेत में ही जलाना शुरू कर दिया। यह गलत परंपरा थी। लेकिन अब हरियाणा ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचने जा रहा है। हरियाणा में 2800 मेगावाट का परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित होने जा रहा है।
इस संयंत्र में पैदा होने वाली आधी बिजली हरियाणा को मिलेगी, जिससे प्रदेश को अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने में काफी सहूलियत भी होगी। 2800 मेगावाट बिजली पैदा करने में जो प्रदूषण होता, उससे भी बचत हो जाएगी। परमाणु बिजली संयंत्र से किसी प्रकार के प्रदूषण का कोई खतरा नहीं रहता है। प्रदेश सरकार ने न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का वायदा किया है।
न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन आफ इंडिया ने गोरखपुर गांव में 979 किसानों की करीब डेढ़ हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया है। इस जमीन में से 75.4 हेक्टेयर पर आवासीय भवन के साथ साथ अस्पताल, स्कूल और अन्य भवन बनाए जाएंगे। इस प्लांट से 1700 अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्त की जाएगी।
परमाणु बिजली संयंत्र का शिलान्यास 13 जनवरी 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था। इससे पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने परमाणु बिजली योजना को एनओसी प्रदान की थी। भाजपा शासन काल में सन 2018 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
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