सड़कों पर तेज रफ्तार से ड्राइविंग करना युवाओं की आदत बनती जा रही है। स्पीड में वाहन चलाने से उनको रोमांच का अनुभव होता है। पल भर का यह रोमांच कभी-कभी जीवन पर भारी पड़ता है। रविवार रात दो बजे महेंद्रगढ़-रेवाड़ी हाईवे पर एक तेज रफ्तार कार आगे जा रही ट्राले में जा घुसी। इस कार में चार दोस्त बैठे हुए थे जिनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कार की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ट्राले में घुसी कार में बैठे युवकों के शव को निकालने में चार घंटे लगे। ट्राले और कार की बाडी को गैस कटर से काटना पड़ा था। आधी से ज्यादा कार ट्राले में घुसी हुई थी और एकदम पिचक गई थी। इस हादसे में मरने वाले गौरव की बुआ की बेटी के घर कुआं पूजन समारोह आयोजित किया गया था।
चारों युवक कुआं पूजन समारोह में भाग लेने के बाद अपने घर लौट रहे थे। रात होने की वजह से सड़क पर आवागमन भी कम था, इसलिए कार चालक ने स्पीड काफी तेज कर रखी थी। अचानक ट्राले के पीछे पहुंचने पर कार नियंत्रण से बाहर हो गई और हादसा हो गया। केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को न्यूनतम किया जाए। इन दिनों जितनी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उस दर को आगामी पांच साल में आधी से भी कम करने का लक्ष्य सैनी सरकार ने तय किया है। इसके लिए सैनी सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है।
वह लोगों से बराबर अपील कर रही है, कार्यशालाएं आयोजित करके तेज रफ्तार से होने वाले नुकसान के बार में लोगों को जागरूक कर रही है। प्रदेश यातायात विभाग के कर्मचारी स्कूल, कालेजों और विभिन्न जगहों पर जाकर लोगों को तेज रफ्तार से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं, लेकिन लोग की समझ में यह बात नहीं आ रही है। रविवार को हुआ हादसा कतई नहीं होता, यदि कार की रफ्तार निर्धारित सीमा में होती। पिछले कई वर्षों की अपेक्षा इस साल प्रदेश में हादसे कम ही हुए हैं। इसके बावजूद लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए। हरियाणा में साल 2024 के दौरान 9806 सडक हादसे हुए।
इन हादसों में करीब 4689 लोगों की जान चले गई, जबकि 7914 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा साल 2023 के मुकाबले काफी कम है। खास बात यह है कि पुलिस ने साल 2024 के सड़क हादसों में घायल होने वाले 5313 लोगों को फस्ट एड की सुविधा मुहैया करवाई, वहीं 7090 घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। साल 2023 में 10 हजार 168 सड़क हादसे हुए, जिनमें 5092 लोगों की मौत हुई है। साल 2022 में 11 हजार 130 सड़क हादसों में 5621 लोगों की मौत हुई थी।
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