Friday, June 13, 2025

पीड़िता को जीवन भर सताता है बलात्कार का दंश

अशोक मिश्र

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भ गिराने की अनुमति नहीं दी। कारण यह था कि उसका गर्भ 29 सप्ताह की  समय सीमा पार कर गया था। मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के अनुसार जब तक मां या बच्चे की जान को खतरा न हो, तब तक डॉक्टर 29 सप्ताह से अधिक के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं देते हैं। यदि मां को खतरा हो या भ्रूण विकृत हो गया हो, तो इसके लिए भी मेडिकल बोर्ड की सलाह के साथ साथ अदालत की इजाजत लेनी पड़ती है। 

पीड़िता ने जो अपनी पीड़ादायक व्यथा कोर्ट को सुनाई, उसके मुताबिक आरोपी ने जनवरी 2023 में उसके साथ बलात्कार किया। वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर लगातार यौन शोषण किया। नाबालिग भयवश चुप रही, लेकिन बाद में एक दिन जब उसे पेट दर्द हुआ तो डाक्टर के पास ले जाने पर पता चला कि वह पांच महीने से गर्भवती है। 

जब तक बात पुलिस तक पहुंचती और गर्भ गिराने के बारे में सोचा जाता, तब तक 29 सप्ताह बीत चुके थे। हाईकोर्ट ने जहां पीड़िता की मजबूरी को समझते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि वह उसकी अच्छी देखभाल करे। उसका प्रसव कराए। जिस अस्पताल में पीड़िता प्रसव कराना चाहती है, उसकी व्यवस्था सरकार करे। उसके खाने-पीने का ध्यान रखे। वहीं, अजन्मे बच्चे के हितों का भी कोर्ट ने ध्यान रखा है। भले ही किसी की गलती रही हो, लेकिन जब उस अजन्मे बच्चे ने सांस लेनी शुरू कर दी है, तो उसके जीवन की सुरक्षा भी न्यायपालिका का दायित्व है। 

हाईकोर्ट ने तो यहां तक कहा कि यदि पीड़िता चाहे, तो उसके पैदा होने वाले बच्चे को किसी को गोद भी दिया जा सकता है। इसके लिए हरियाणा सरकार उचित कार्रवाई करे। हाईकोर्ट का फैसला मानवीय आधार पर दिया गया है। हमारे समाज में जब किसी बालिग या नाबालिग के साथ दुराचार होता है, तो समाज उसका जीना कठिन बना देता है। समाज में लोग पीड़िता को ही दोषी ठहराने लगते हैं। जब किसी महिला या बच्ची के साथ बलात्कार होता है, तो उसकी देह तो घायल होती है, उसकी आत्मा तक घायल हो जाती है। 

दुराचार का यह दंश उसे जीवन भर सोने नहीं देता है। यह नासूर बनकर उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए दागदार बना देता है। वह जहां भी जाती है, लोग उसे एक अजीब सी नजर से देखते हैं। किसी भी महिला के साथ किया गया बलात्कार दुनिया के सबसे जघन्यतम अपराधों में से एक माना जाना चाहिए। बलात्कारी को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिससे कोई ऐसी हरकत करने से पहले हजार बार सोचे।

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