Wednesday, June 18, 2025

हरियाणा में हर साल बढ़ता जा रहा बिजली खपत का आंकड़ा

अशोक मिश्र

हरियाणा में गर्मी अपने उच्चतम स्तर पर है। लोग गर्मी से परेशान हैं। यही नहीं, इंसान के अलावा दूसरे जीव जंतु भी भयंकर गर्मी से पीड़ित हैं। लेकिन इंसानों की परेशानी कुछ दूसरे किस्म की है। इंसानों की परेशानी प्रदेश में बार-बार लगने वाले बिजली कट से है। बिजली कट लगने पर इतनी गर्मी में किसी का भी परेशान हो जाना स्वाभाविक ही है। प्रदेश में हर साल बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के अत्यधिक उपयोग ने हमें पूरी तरह बिजली पर ही निर्भर कर दिया है। 

थोड़ा सा भी मसाला पीसना है तो उसके लिए ग्राइंडर-मिक्सर हाजिर है। लोगों ने सिल बट्टे का उपयोग करना ही छोड़ दिया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा खपत 13 जून को 13452 मेगावॉट हुई थी। दिन रात के तापमान में बढ़ोतरी होने की वजह से बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदेश की सैनी सरकार ने वैकल्पिक प्रबंध भी करने शुरू कर दिए हैं। 

इसके बावजूद प्रदेश में बार-बार बिजली कट लग रहे हैं। उद्योगों को भरपूर बिजली नहीं मिल पा रही है। इसके चलते कई उद्योग तो इन दिनों ठप होने के कगार पर हैं। हालांकि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने इस मामले में काफी सख्त रवैया अपना रखा है। उन्होंने प्रदेश के बिजली विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को यह आदेश दे रखा है कि बार-बार लगने वाले कट की पूरी रिपोर्ट रोज उनके आफिस में भेजी जाए। यदि बिजली सप्लाई के मामले में किसी ने किसी किस्म की लापरवाही बरती, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

हालांकि ऊर्जा मंत्री विज का कहना है कि हरियाणा में बिजली सप्लाई को लेकर किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं है। दूसरों से बिजली लेने के लिए प्रदेश सरकार ने लंबे समय अवधि वाले समझौते कर रखे हैं। हरियाणा को सोलह हजार मेगावॉट बिजली की आवश्यकता होती है जिसकी पूरी व्यवस्था राज्य सरकार ने कर रखी है। इसके बावजूद सैनी सरकार ने आगामी दस वर्षों में खपत होने वाली बिजली की व्यवस्था करने की योजना अभी से बनानी शुरू कर दी है। 

सच है कि हर साल बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड आगामी कुछ ही दिनों में दस वर्ष में होने वाली बिजली खपत का एक खाका ऊर्जा मंत्रालय को भेजने वाला है। आमतौर पर कुछ साल पहले तक यह माना जाता था कि हर साल दस प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ जाती है, लेकिन जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग के चलते तापमान बढ़ रहा है, उसको देखते हुए दस प्रतिशत से कहीं ज्यादा बिजली की खपत बढ़ रही है।

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