Monday, June 30, 2025

नशे के खिलाफ तो हर गांव, हर शहर को होना होगा जागरूक

अशोक मिश्र

हरियाणा में फैलते जा रहे नशा कारोबारी और नशीले पदार्थ लोगों के लिए एक मुसीबत बनते जा रहे हैं। प्रदेश में नशा तस्कारों का नेटवर्क दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि हरियाणा नारकोटिक्स विभाग का दावा है कि पिछले साल चार सौ से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। गुरुग्राम एंटी नारकोटिक्स क्राइम ब्रांच ने बीते एक महीने में कई ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया है जो प्रदेश में सक्रिय नशा तस्करों के लिए मुंबई और नेपाल में काम कर रहे थे और डार्क वेब और सिग्नल एप के जरिये नशीले पदार्थों की सप्लाई कर रहे थे। गुरुग्राम पुलिस ने पिछले सप्ताह ही दिल्ली एनसीआर में सात नाइजीरियन सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। 

यह सभी नेपाल और दूसरे देशों से कोकीन मंगाकर यहां के तस्करों को सप्लाई करते थे। बीते दिनों हरियाणा के विभिन्न जिलों से पुलिस ने करोड़ों रुपयों की कीमत का हेरोइन बरामद किया है। लेकिन तस्करों का नेटवर्क बहुत अधिक फैला हुआ है। यही वजह है कि प्रदेश की पुलिस को ही नहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित अन्य मंत्रियों और विधायकों को आमजन और युवाओं को नशा तस्करों के चंगुल से बचाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाना पड़ा। 

साइक्लोथान जैसी मुहिम चलाकर युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील करनी पड़ी। नशा करना युवाओं और महिलाओं को इतना भारी पड़ रहा है कि यह नशा लोगों को एचआईवी और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का भी शिकार बना रहा है। हरियाणा पुलिस ने पिछले छह महीनों में 108 नशा तस्करों और उनके रिश्तेदारों के नाम 52.72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। साल 2024 में हरियाणा पुलिस ने 25 नशा तस्करों की लगभग 7.4 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। वहीं साल 2023 में 16 नशा तस्करों की लगभग 13 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग अपनी ताकत भर नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। 

हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 63 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। ‘नशामुक्त हरियाणा अभियान’ प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। अब तक प्रदेश लगभग 40 प्रतिशत से अधिक गांवों को नशामुक्त घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद अभी और प्रयास करने की जरूरत है। अगर प्रदेश को नशामुक्त बनाना है, तो इसमें जनसहयोग बहुत जरूरी है। कोई भी सरकार केवल अपने दम पर किसी राज्य को नशा मुक्त या अपराध मुक्त नहीं कर सकती है। यह सफलता तभी हासिल होगी, जब इसमें हर गांव और हर शहर से लोग स्वत: उठकर शामिल होंगे और नशे के खिलाफ माहौल बनाएंगे।

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