हरियाणा में बेरोजगारी की दर वर्तमान समय में 5.6 प्रतिशत बताई जाती है। साल 2025 का बजट पेश करते समय सीएम नायब सिंह सैनी ने यह घोषणा की थी कि हर साल 50 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में उनकी सरकार काम कर रही है। इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा था कि विज्ञान और इंजीनियरिंग करने वाली छात्राओं को एक लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी।
हरियाणा में बेरोजगारी कई दशकों से एक प्रमुख मुद्दा रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों ने सत्ता पक्ष पर युवाओं की बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश की है। इस मामले में किस सियासी दल को कितना लाभ हुआ, यह अलग विषय है, लेकिन हर बार चुनावों में यह मुद्दा बड़े जोरशोर से उठता रहा है।
पिछले दस-ग्यारह साल से सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार ने कांग्रेस की सरकार पर पर्ची और खर्ची के आधार पर नौकरी देने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हर बार यही बात दोहराई है कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 1.77 लाख सरकारी नौकरियाँ दी हैं। सभी भर्तियां मेरिट आधारित की गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार और सिफारिशी प्रक्रिया पर रोक लगी है। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान केवल 86 हजार सरकारी नौकरियां दी गई थीं जिनमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। हालांकि कांग्रेस भाजपा के इस आरोप को नकारती है। लेकिन आज के हालात यह हैं कि प्रदेश सरकार के आदेश से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी यानी तृतीय श्रेणी के 3053 पदों की भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी है।
इससे पहले भी 5600 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया को वापस लिया जा चुका है। सीईटी 2025 के लिए अभी तक परीक्षा की तिथियां तक घोषित नहीं की गई हैं। इसकी प्रक्रिया किसी भी दिन शुरू हो सकती है, इसकी घोषणा सरकार की ओर से की गई है। यदि विभिन्न पदों पर होने वाली भर्तियों की बात कही जाए, तो अब तक सरकार कुल 8653 पदों की भर्तियां वापस ले चुकी है। इन भर्ती प्रक्रिया में शामिल रहे अभ्यर्थी भविष्य में क्या करेंगे, इसके बारे में भी कोई साफ जानकारी नहीं दी गई है।
अभ्यर्थियों के बार-बार पूछने पर यही कहा जा रहा है कि जल्दी ही इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। हरियाणा में बेरोजगारी की जो दर सरकारी आंकड़ों में दिखाई जा रही है, उससे कहीं अधिक बेरोजगारी है। इस बात को स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार को जल्दी से जल्दी बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाने होंगे। जिस प्रदेश का युवा ज्यादा बेरोजगार होता है, उस प्रदेश में अराजकता बढ़ती है।
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