हरियाणा में बिगड़ते लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार काफी सख्त होती जा रही है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार पाया जा रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी अब शुरू हो गई है। लिंगानुपात नहीं सुधार पाने वाले पूर्व सीएमओ डॉ. राजिंदर मलिक के खिलाफ राज्य टॉस्क फोर्स ने चार्जशीट दाखिल किया है। ठीक इसी तरह भिवानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपी के कार्यवाहक एसएमओ डॉ. एम नेहरा के खिलाफ यही कार्रवाई की गई है। इनके कार्यक्षेत्र में लिंगानुपात काफी खराब स्थिति में था। इतना ही नहीं, सोनीपत के खरखौदा में अवैध गर्भपात कराने के मामले में आयुष चिकित्सक का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।
वैसे तो अवैध गर्भपात रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ आईडी को अनिवार्य कर दिया है। आरसीएच आईडी के बिना कोई भी गर्भवती महिला किसी भी सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सुविधा हासिल नहीं कर सकेगी। एक बार किसी गर्भवती का आरसीएच आईडी बनने के बाद उसको ट्रेस करना आसान हो जाएगा। वह किसी भी तरह अवैध गर्भपात नहीं करा सकेगी। इससे प्रदेश में हो रहे अवैध गर्भपात पर लगाम लग सकेगी।
आईडी से प्रदेश सरकार के पास एक मुकम्मल आंकड़ा होगा कि अमुक समय पर प्रदेश में इतनी गर्भवती महिलाएं थीं और उन्होंने इतने लड़की या लड़के को जन्म दिया। कोई भी निजी अस्पताल बिना आरसीएच आईडी के किसी गर्भवती का अल्ट्रासाउंड या अन्य जांच लिखता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार की इन्हीं सख्ती की वजह से इस साल एक जनवरी से लेकर 23 जून तक लिंगानुपात 906 हो गया था जो इससे पहले 902 था। यह बढ़ोतरी हालांकि बहुत मामूली है, लेकिन यदि इसी तरह सख्ती बरती जाती रही, तो निकट भविष्य में लिंगानुपात सुधरने की उन्मीद की जा सकती है। लेकिन सरकार के मनसूबे पर प्रदेश में खुले कुछ गैर पंजीकृत क्लीनिक पानी फेर रहे हैं।
ऐसे डॉक्टरों और क्लीनिकों के चंगुल में फंसकर लोग जहां अपना पैसा बरबाद कर रहे हैं, वहीं गर्भवती महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ भी हो रहा है। झोलाछाप और बीएएमएस डॉक्टरों ने इस विषय में कोई पढ़ाई तो की नहीं होती है। ऐसी स्थिति में कई बार गर्भवती महिलाओं को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है। सीएम तक ऐसे लोगों की शिकायतें भी पहुंच रही हैं। यदि सरकार प्रदेश में चल रही अवैध क्लीनिकों और गर्भपात सेंटरों पर लगाम लगा लेती है, तो निश्चित रूप से हरियाणा में लिंगानुपात को सुधारा जा सकता है। सरकार के पास इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है।
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