हरियाणा सरकार ने भूमि संबंधी दो बदलाव किए हैं। पहला यह कि सरकार ने सड़क मानकों में बदलाव किया है जिससे अब कृषि जोन में भी उद्योग लगाने में सहूलियत होगी। दूसरा बदलाव मिक्स्ड लैंड यूज में गतिविधियों को लेकर है। सरकार ने मिक्स्ड लैंड यूज मामले में 12 तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सड़क के मानकों में बदलाव का नतीजा यह होगा कि प्रदेश में कृषि भूमि घट जाएगी। दरअसल, पिछले कुछ दशक से प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में कृषि भूमि का रकबा घटता जा रहा है।
दस-बीस साल पहले जिस जमीन पर खेती होती थी, अब वहां आवासीय कालोनियां या फैक्ट्रियां सिर उठाए खड़ी हैं। विभिन्न राज्यों की सरकारों ने समय-समय पर नियमों में बदलाव करके कृषि भूमि का उपयोग बदल दिया है। नतीजा यह हुआ कि बिल्डर्स और उद्योगपतियों ने खेती लायक जमीन पर भी कालोनियां बसा दीं या उद्योग लगा दिए। विकास के नाम पर लंबी चौड़ी सड़कें भी कृषि भूमि से होकर ही निकाली गईं।
इससे आवागमन में तो काफी सहूलियत हुई, लेकिन एक तो खेती का रकबा घट गया, वहीं कालोनियों और उद्योगों की वजह से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ा। वायु से लेकर जल और मृदा प्रदूषण की समस्याएं खड़ी हो गईं। सैनी सरकार ने जो अभी हाल में ही सड़कों के मानकों में परिवर्तन किया है, उससे खेती की जमीनों पर उद्योग लगने का रास्ता साफ हो गया है।
पहले कृषि जोन में उद्योगों के लिए कम से कम 33 फीट चौड़ी सड़क का होना जरूरी था। अब 20 फीट चौड़ी गांव लिंक या 33 फीट राजस्व/ स्व निर्मित पंचायत मार्ग को भी कृषि जोन में उद्योग लगाने के लिए वैध अप्रोच माना जाएगा। इस फैसले के बाद अब उन गांवों में भी उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा जिन गांवों में चौड़ी सड़कें नहीं है। नए नियम की वजह से स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे जैसी सड़कों के किनारे उद्योग लगने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने मिक्स्ड लैंड यूज के लिए 12 तरीके के प्रतिबंध लगाकर उस इलाके में रहने वाले लोगों की जान-माल और पर्यावरण को संरक्षित करने का प्रयास किया है।
अब मिक्स्ड लैंड यूज वाले इलाके में कचरे को डंप नहीं किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, इन क्षेत्रों में केमिकल या पेट्रोकेमिकल वाले उद्योग नहीं लगाए जा सकेंगे या इन पदार्थों का संग्रह भी नहीं किया जा सकेगा। न्यूक्लियर पावर से जुड़े इंस्टालेशन, स्लाटर हाउस का निर्माण प्रतिबंधित रहेगा। पिगरी, पोल्ट्री, डेयरी और टैनरी से जैसे उद्योग भी इन क्षेत्रों में नहीं चलाए जा सकेंगे।
इन्हें शहर से बाहर चलाने की अनुमति तो होगी, लेकिन मिक्स्ड लैंड यूज वाले क्षेत्रों में इन्हें संचालित करना वर्जित रहेगा। कहने का मतलब यह है कि कोई भी ऐसी गतिविधि जिससे पर्यावरण और लोगों को नुकसान होने की आशंका हो, प्रतिबंधित रहेंगे।
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