Saturday, November 8, 2025

नैतिक पतन की पराकाष्ठा, संबंधों की मर्यादा के साथ हो रहा खिलवाड़

अशोक मिश्र

हमारे देश में रिश्तों की कदर हमेशा की जाती रही है। इन रिश्तों की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के लिए सामाजिक मानदंड, रीति रिवाजों का निर्माण किया गया और कुछ परंपराएं शुरू की गईं। सामाजिक मानदंड, रीति-रिवाज और परंपराओं का पालन करना कोई कानूनी बाध्यकारी मसला नहीं है। लेकिन इसका पालन समाज का हर व्यक्ति करता है। अगर ऐसा नहीं करता है, तो उसको कानूनी तौर पर कोई सजा नहीं दे सकते हैं, लेकिन ऐसा व्यक्ति सामाजिक निंदा का पात्र जरूर होता है। 

इसे अभिसमय यानी कन्वेंशन भी कहा जाता है। कवि कुल गुरु महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने एक स्थान पर कहा है कि अनुज वधू, भगिनी, सुत नारी, तिनहिं विलोकत पातक भारी। कहने का मतलब यह है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन और पुत्र वधू पर जो कुदृष्टि डालता है, वह भारी पाप का भागी होता है। लेकिन आज यह सब सामाजिक मान्यताएं टूट रही हैं। हाल में ही नूंह के पिनगंवा थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना हुई जिसमें इंसानियत और रिश्ते शर्मसार हो गए। एक नाबालिग लड़की का उसके जीजा ने अपने साथियों के साथ अपहरण कर लिया। 

नाबालिग लड़की को उसके जीजा ने फोन करके पानी देने को कहा और जब वह पानी लेकर घर के बाहर आई, तो उसका अपहरण उसके जीजा ने अपने साथियों के साथ कर लिया। उसे अपहरण करके राजस्थान ले जाया गया और तीन दिन तक जीजा और उसके साथियों ने बलात्कार किया। तीन दिन बाद नाबालिग को गांव के पास छोड़कर आरोपी फरार हो गए। घर पहुंचने के बाद नाबालिग ने अपने भाइयों से घटना की जानकारी दी, तब बात पुलिस तक पहुंची। 

भारतीय समाज में जीजा और साली के बीच शिष्ट हास्य की परंपरा रही है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सारी मर्यादाएं तार-तार कर दी जाएं। जिस समाज में आज हम रह रहे हैं, उस समाज में भाई, बहन, जीजा-साली, देवर-भाभी जैसे शब्दों की मर्यादा ही लगता है कि खत्म हो चुकी है। कई बार तो ऐसी भी खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं कि भाई ने ही अपनी बहन का यौन शोषण किया। देवर ने मां के समान समझी जाने वाली भाभी के साथ दुराचार किया। प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने की घटनाएं भी अब आम हो चली हैं। 

कहीं पति को मारकर घर में दफना दिया जा रहा है, तो कहीं प्लास्टिक के ड्रम में सीमेंट के साथ भर दिया जा रहा है। कहीं कोई व्यक्ति अपनी होने वाली सास को ही लेकर फरार हो रहा है। होने वाली सास बाद में मीडिया के सामने आकर बयान देती है कि उसने अपने होने वाले दामाद के साथ ही शादी कर ली है। यह सब कुछ आधुनिकता के नाम पर किया जा रहा है। इन घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है कि समाज ने अपनी नैतिकता को त्याग करके अनैतिकता को ही अपना आवरण बना लिया है।

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