महिलाएं किसी भी देश और समाज की आधारशिला होती हैं। देश या समाज में महिलाओं की स्थिति ही बताती है कि देश या समाज कितना सभ्य, सुदृढ़ और विकसित है। देश या प्रदेश की अर्थव्यवस्था की धुरी भी महिलाएं ही होती हैं क्योंकि देश या प्रदेश के कार्यबल में उनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। हमारे देश में महिलाओं को पुरुषों से कमतर आंकने की सदियों पुरानी मानसिकता रही है।
उन्हें काम पर रखते समय भी पुरुषों के मुकाबले में कम ही वेतन दिया जाता है, जबकि वह काम पुरुषों के बराबर ही करती हैं। यही वजह है कि कुछ प्रदेश सरकारों ने महिलाओं की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कई योजनाएं संचालित की हैं ताकि वह आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें। ऐसी ही एक योजना हरियाणा सरकार ने संचालित की है जिसको दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना के नाम से जाना जाता है।
एक नवंबर को हरियाणा दिवस पर सीएम नायब सिंह सैनी ने प्रदेश की 5,22,162 महिलाओं के बैंक खातों में 109 करोड़ रुपये डाले गए हैं। प्रत्येक महिला के खाते में 21सौ रुपये आए हैं। लाडो लक्ष्मी योजना के लिए 6,97,697 आवेदन आए थे। जिनमें से 6,51,529 विवाहित महिलाएं और 46,168 कुंवारी हैं। अभी 1,75,179 महिलाओं के आवेदन पेंडिंग में हैं। इन महिलाओं के आवेदन पर विचार किया जा रहा है। सैनी सरकार ने घोषणा की है कि दूसरे चरण में 1.40 लाख रुपये वार्षिक आय वाली महिलाओं को शामिल किया जाएगा। वहीं 1.80 हजार आय वाली महिलाओं को तीसरे चरण में और तीन लाख तक वार्षिक आय वाली महिलाओं को चौथे चरण में शामिल किया जाएगा। एक लाख अस्सी हजार से तीन लाख रुपये वार्षिक आय वाली महिलाओं की अनुमानित संख्या 46 लाख 62 हजार बताई जा रही है।
योजना के तहत परिवार पहचान पत्र की बजाय आधार कार्ड की इनकम का डेटा इस्तेमाल किया गया है। इसलिए पात्रों की संख्या तय अनुमान से कम रही है। पहले सरकार ने दावा किया था कि फैमिली आईडी के हिसाब से 19.62 लाख महिलाएं इस योजना के लाभ की पात्र हैं। इतनी कम महिलाओं के आवेदन करने के पीछे कुछ कारण बताए जा रहे हैं। दरअसल रजिस्ट्रेशन की कड़ी शर्तों के साथ-साथ महिलाओं का एक डर इसकी प्रमुख वजह है। ये डर है पीला-गुलाबी राशन कार्ड कटने का खतरा। महिलाओं को लग रहा है कि सरकार से 2100 रुपए प्रतिमाह लेने पर उनके बीपीएल राशन कार्ड कट जाएंगे।
इसलिए उन्होंने स्कीम के प्रति ऐसी बेरुखी दिखाई। महिलाएं पीला या गुलाबी राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं को छोड़ना नहीं चाहती हैं। यही वजह है कि उन्होंने लाडो लक्ष्मी योजना में आवेदन करना उचित नहीं समझा। सरकार इस प्रयास में है कि बाकी बची महिलाओं को भी योजना का लाभ मिले।
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