Sunday, May 18, 2025

हरियाणा के 340 गांवों में बेटियों की घटती संख्या चिंताजनक

अशोक मिश्र

लिंगानुपात सुधारने का हर संभव प्रयास हरियाणा की सैनी सरकार कर रही है। सदियों से कुड़ीमार प्रदेश का कलंक झेल रहे हरियाणा ने अब अपनी पुरानी छवि को हर हालत में बदलने का संकल्प ले लिया है। बेटियों के प्रति अब उनकी मानसिकता में बदलाव भी आने लगा है। लेकिन अभी थोड़े और प्रयास की जरूरत है। पहले तो उन हालात को समझने की जरूरत है कि क्यों हरियाणा या पंजाब में लड़कियों को कोख में ही मार देने की घृणित परंपरा की शुरुआत हुई होगी। 

भारत में थल मार्ग से प्रवेश का रास्ता एक मात्र पंजाब ही था। वर्तमान पाकिस्तान जो कभी भारत का हिस्सा था, उसी रास्ते से सदियों तक आक्रांता भारत में प्रवेश करते रहे हैं। सदियों तक बार-बार विदेशी हमले झेलना उनकी मजबूरी थी। विदेशी विजय प्राप्त करने पर सबसे ज्यादा यहां की महिलाओं को ही प्रताड़ित करते थे। इससे यहां के लोगों को अपमानित होना पड़ता था। बार-बार के इस अपमान से बचने के लिए लोगों ने बेटियों को कोख में या जन्म लेने के बाद मारना शुरू कर दिया। 

धीरे-धीरे लोगों की मानसिकता यही बन गई। लेकिन अब तो न विदेशी आक्रांता आने से रहे, न ही बेटियां लड़कों से किसी मायने में कम हैं, ऐसी स्थिति में कन्याभ्रूण हत्या किसी महापाप से कम नहीं है। प्रदेश में लिंगानुपात गड़बड़ाने का सबसे ज्यादा प्रभाव समाज पर पड़ता है। समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को लेकर ही सैनी सरकार काफी चिंतित है। यही वजह है कि उसने उन गांवों पर विशेष निगरानी रखने का आदेश दिया है जिस गांव का लिंगानुपात सात सौ से कम है। 

यह भी एक अध्ययन में पता चला है कि राज्य के जो जिले राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमाओं के पास स्थिति हैं, उन जिलों में लिंगानुपात सबसे कम है। इन जिलों के लोग पड़ोसी राज्यों में अवैध तरीके से चलाए जा रहे अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों पर जाकर कन्याभ्रूण गिरवा देते हैं। राज्य में भी कुछ अस्पताल चोरी छिपे यह काम करते हैं। राज्य में ऐसे 340 गांव ऐसे हैं जो दूसरे राज्य की सीमा पर बसे हुए हैं और इन गांवों का लिंगानुपात सात सौ से कम है। इन गांवों की विशेष निगरानी की जा रही है। हालांकि यह भी सही है कि सैनी सरकार इस मामले में काफी सख्ती बरत रही है। 

उसने अपने पड़ोसी राज्यों से तालमेल करके उनके यहां और अपने यहां छापेमारी तेज कर दी है। हरियाणा से सूचना मिलने पर पड़ोसी राज्य भी सख्ती बरत रहे हैं। उसने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दे रखा है कि उनके इलाके में अवैध गर्भपात होने का मामला पकड़ा गया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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