Tuesday, May 6, 2025

उपन्यास सौ साल का एकांत को मिला नोबेल

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

गेब्रियल गार्सिया मार्केस को वन हंड्रेड इयर ऑफ सॉलीट्यूड के लिए साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया गया था। इस किताब को लिखने में उन्हें डेढ़ साल लगा था। पुस्तक जब तक पूरी नहीं हो गई, तब तक वह एक ही कमरे में रहे और उपन्यास पूरा होने के बाद ही वह बाहर आए। डेढ़ साल तक उनकी पत्नी मर्सिडीज सारा घर संभालती रहीं। गार्सिया का जन्म 6 मार्च 1927 को कोलंबिया में हुआ था। 

गार्सिया और उनकी पत्नी की प्रेम कहानी भी बड़ी रोचक है। गार्सिया को मर्सिडीज से तब प्यार हो गया था, जब वह खुद बारह साल के थे और उनकी पत्नी नौ साल की थीं। जब उन्हें एक विदेशी संवाददाता के रूप में यूरोप भेजा गया, तो मर्सिडीज ने उनके बैरेंक्विला लौटने का इंतजार किया।  लेकिन उन्होंने मर्सिडीज से शादी 31 साल की उम्र में की थी।  

उनका प्रथम कहानी-संग्रह लीफ स्टार्म एंड अदर स्टोरीज 1955 में प्रकाशित नो वन नाइट्, टु द कर्नल एंड अदर स्टोरीज और आइज आॅफ ए डॉग श्रेष्ठ कहानी संग्रह है। गार्सिया मार्केज ने कोलंबिया के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई करते हुए एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। गार्सिया मार्केज जीवन भर एक प्रतिबद्ध वामपंथी रहे, जो समाजवादी मान्यताओं का पालन करते रहे। 

1991 में, उन्होंने चेंजिंग द हिस्ट्री ऑफ अफ्रीका प्रकाशित किया, जो अंगोलन गृह युद्ध और बड़े दक्षिण अफ्रीकी सीमा युद्ध में क्यूबा की गतिविधियों का एक सराहनीय अध्ययन था। उन्होंने फिदेल कास्त्रो के साथ घनिष्ठ मित्रता बनाए रखी। कई बातों में असहमत होने पर उन्होंने कास्त्रों की आलोचना की। महान साहित्यकार गार्सिया मार्केज का 17 अप्रैल 2014 को 87 वर्ष की आयु में मेक्सिको सिटी में निमोनिया से निधन हो गया।

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