अशोक मिश्र
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि बेशकीमती झींगा और केकड़े (क्रस्टेसिएन्स) दो देशों के बीच विवाद का कारण बन सकते हैं। वह भी आज से नहीं, सत्रहवीं सदी से। अमेरिका और कनाडा के बीच एक द्वीप है मचियास सील। यह द्वीप ग्रे जोन में आता है। ग्रे जोन उस क्षेत्र विशेष को कहते हैं जिसको लेकर किसी देश या राज्य का अधिकार स्पष्ट न हो या दो देशों के बीच स्वामित्व को लेकर विवाद हो या उस क्षेत्र विशेष को अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने दो देशों की साझा संपत्ति माना हो। मचियास सील द्वीप पर स्वामित्व को लेकर अमेरिका और कनाडा में कई सौ साल से विवाद चला आ रहा है। इन दोनों देशों के बीच सदियों से चले आ रहे विवाद को निपटाने के लिए 1984 में अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कहा था कि इस जलमार्ग पर दोनों देश यानी कनाड़ा और अमेरिका को मछली पकड़ने का अधिकार है।
अब मचियास सील द्वीप पर झींगा मछली और केकड़े आदि पकड़ने के लिए अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों में आए दिन भिड़ंत हो जाती है। मचियास सील द्वीप के चारोंं ओर 277 वर्ग किमी क्षेत्रफल है। दोनों देशों के नागरिक अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले इलाके में मछली पकड़ते हैं, लेकिन कभी कनाडाई तो कभी अमेरिकन एक दूसरे पर मछली पकड़ने वाले जाल को चुरा ले जाने का आरोप लगाते हैं, तो कभी एक दूसरे के क्षेत्र में अतिक्रमण करके मछली पकड़ने का। इसके चलते मारपीट हो जाती है, खून बहाया जाता है और मचियास सील द्वीप का पानी लाल हो जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि कनाडा और अमेरिका के अधिकारी एक दूसरे से भिड़ जाते हैं तो इसी मुद्दे को लेकर दोनों देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री।
डोनॉल्ड ट्रंप जब पहली बार राष्ट्रपति बने थे, तो दोनों देशों में काफी दोस्ताना था। बात बहुत पुरानी नहीं है। जब सन 2017 में ट्रंप ने जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ह्वाइटहाउस में मेजबानी की थी, तो उन्होंने कनाडा की दोस्ती की तारीफ में खूब कशीदे काढ़े थे। ट्रंप ने तो यहां तक कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते बहुत खास हैं। दोनों देश एक दूसरे से बहुत कुछ लेते हैं और देते हैं। लेकिन जब ‘ड्रिल बेबी ड्रिल’ का नारा लगाकर दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बने, तो हालात बदल गए। ट्रंप ने कनाडा पर सबसे पहला हमला उसे अमेरिका का 51वां प्रांत बताते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर तक बताया था। हालांकि तब ट्रूडो इस ट्रंप के इस बयान को लेकर चुप ही रहे। लेकिन अब कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और मचियास सील द्वीप को लेकर मुखर हैं।
कनाडाई जनता को और प्रधानमंत्री कार्ने को ट्रंप का कनाडा को अमेरिका का 51वां प्रांत कहना भी पसंद नहीं आया। हाल ही में पीएम कार्ने ने कहा था कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मिलिट्री के साथ पुराने दौर के संबंध अब खत्म हो गए हैं। मैं कनाडा को कमजोर करने की हर कोशिश को अस्वीकार करता हूं। जाहिर सी बात है कि कई मुद्दों को लेकर कनाडा और अमेरिका की दूरी बढ़ती जा रही है। कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जब से ट्रंप अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं, तब से वह अपना सारा देश उन देशों पर केंद्रित कर रहे हैं, जहां पर प्राकृतिक खनिज और संसाधन प्रचुर मात्रा में है।
कनाडा के पास रेयर अर्थ मेटल, तेल, कोयला और लकड़ी का भंडार हैं। अपनी इसी नीति को आगे बढ़ाते हुए ट्रंप ग्रीनलैंड, कनाडा, मैक्सिको और पनामा नहर को अपने कब्जे में लेने की बात कह चुके हैं। इस मामले में फिलहाल ट्रंप की नीति सफल होती नहीं दिख रही है। यही वजह है कि पिछले एक डेढ़ महीने से ट्रंप चीन को निशाने पर लेने के साथ-साथ कनाडा, मैक्सिको, ग्रीनलैंड को टैरिफ के नाम पर डराने की कोशिश कर रहे हैं। कनाडा, मैक्सिको, भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा करते हैं और फिर दस प्रतिशत के बाद आगे नहीं बढ़ते हैं। ट्रंप का हाल ‘साफ छिपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं’ वाला है।
No comments:
Post a Comment