बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
सर वाल्टर रैले का जन्म 1552 ईस्वी में डेवन के एक जमींदार परिवार में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उत्तरी अमेरिका को ब्रिटिश उपनिवेश बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही थी। वाल्टर के प्रारंभिक जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है। जितनी भी जानकारी मिलती है, उसके मुताबिक वह राजनेता, लेखक, सैनिक और एक अच्छे खोजकर्ता थे।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम के वह विश्वसनीय लोगों में से एक थे। हालांकि बाद में कुछ मतभेद की वजह से महारानी के आदेश पर उन्हें लंदन आफ टावर में कैद कर लिया गया था। जिस समय वाल्टर रैले पैदा हुए थे, उस समय अपनी वीरता को प्रदर्शित करने के लिए आमने-सामने की लड़ाई हुआ करती थी। इसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती थी।
इस तलवारबाजी में यदि किसी की मृत्यु हो जाती थी, तो उससे लड़ने वाले दूसरे व्यक्ति को कोई सजा नहीं दी जाती थी। कहते हैं कि वह तलवारबाजी में बहुत निपुण थे। उनकी तलवारबाजी में बहुत ज्यादा ख्याति थी। उन्हीं दिनों एक युवक उनके पास आया और उसने कहा कि सुना है, आप तलवारबाजी में बड़ी ख्याति रखते हैं। आप मुझसे तलवारबाजी में मुकाबला करें। मैं आपको निश्चित रूप से हरा सकता हूं।
उस युवक की कम आयु को देखते हुए वाल्टर रैले ने कहा कि बच्चे बेकार की तलवारबाजी से शांति अच्छी है। तलवार चलाने की कला किसी के मनोरंजन के लिए नहीं होती है। यह सुनते ही उस युवक ने सर वाल्टर रैले के मुंह पर थूक दिया। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ उग्र हो गई।
लोगों ने उस युवक को पकड़कर वाल्टर के सामने पेश किया। वाल्टर ने रुमाल से थूक साफ करते हुए कहा कि मैं मनोरंजन के लिए किसी की हत्या नहीं कर सकता। यह सुनकर युवक उनके पैरों पर गिर पड़ा।
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