Tuesday, April 29, 2025

आंबेडकर को बड़ौदा के राजा ने दी छात्रवृत्ति

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

भीमराव रामजी आंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है। आंबेडकर विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, सामाजिक सुधार के प्रणेता और राजनीतिज्ञ माने जाते थे। आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू जिले के सैनिक छावनी में हुआ था। इनके पिता रामजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। इनके परिवार के लोग कबीरपंथी माने जाते थे। 

इनके पिता रामजी सकपाल का बाद में मुंबई ट्रांसफर हो गया, तो वह पूरे परिवार को भी मुंबई लेते गए। सन 1906 में जब वह पंद्रह साल के थे, तो उनकी शादी नौ वर्षीय रमाबाई से हुई। तब बीआर आंबेडकर पांचवीं कक्षा के छात्र थे। सन 1897 में मुंबई में आंबेडकर का दाखिला एलफिंस्टन हाईस्कूल में कराया गया। 

उन दिनों यह कालेज बांबे विश्वविद्यालय से संबद्ध था। मुंबई में जगह की कमी के कारण वह अपनी पढ़ाई करने के लिए स्कूल के पास स्थित एक पार्क में चले जाया करते थे। आंबेडकर अपने पिता रामजी सकपाल और भीमाबाई की चौदहवीं और अंतिम संतान थे। इसलिए पढ़ने के लिए जगह की कमी होना स्वाभाविक था। 

उन्हीं दिनों विलसन हाईस्कूल के हेड मास्टर कृष्णा अर्जुनराव केलुसकर रोज शाम को उस पार्क में घूमने आया करते थे। उन्होंने पार्कमें किसी बच्चे को पढ़ते देखा, तो उत्सुकता हुई। उन्होंने एक दिन आंबेडकर से पार्क में पढ़ने का कारण पूछा, तो आंबेडकर ने सारी बात बताई। इस तरह आंबेडकर और केलुसकर की धीरे-धीरे बातचीत होने लगी। दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने पर केलुसकर ने आंबेडकर की आगे की पढ़ाई के लिए बड़ौदा के राजा से छात्रवृत्ति देने की सिफारिश की जो मंजूर हो गई। इस प्रकार आगे बढ़ते हुए बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर एक दिन भारत के संविधान निर्माता बने।

No comments:

Post a Comment