बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
शरलॉक होम्स नामक जासूस स्कॉटलैंड के चिकित्सक और जासूसी उपन्यास के लेखक सर आर्थर एग्नाशियस कॉनन डॉयल का काल्पनिक पात्र है। उनके जासूसी उपन्यासों का एक बहुत बड़ा पाठक वर्ग रहा है। वह एक उच्च कोटि के चिकित्सक भी थे। उनका जन्म 22 मई 1959 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में हुआ था। वह अपने दस भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे।
सन 1876 से 1881 तक उन्हें एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की। कहते हैं कि शुरुआत में उनके पास मरीज बहुत कम आते थे। इसकी वजह से उन्होंने खाली समय में लघु कथाएं लिखनी शुरू की। बाद में उन्होंने शरलॉक होम्स को लेकर कुछ जासूसी उपन्यास भी लिखे। इससे वे काफी प्रसिद्ध हो गए। उन्होंने कविता, उपन्यास, लेख, विज्ञान कथाएं और प्रेमगीत भी लिखे हैं। एक बार की बात है।
स्कॉटलैंड के एक पुराने अस्पताल में उनकी नियुक्ति की गई। संयोग से उन्हीं दिनों इलाके में सर्दी, निमोनिया और अन्य संक्रामक रोग फैल गया। अस्पताल में काफी मरीज इकट्ठा हो गए। संयोग से उस अस्पताल का सीनियर डॉक्टर खुद बीमार पड़ गया। अनुभवहीन नए डॉक्टर कॉनन पर लोगों का विश्वास नहीं था। लेकिन उन्होंने बिना कोई संकोच किए बच्चों को गोद में उठाया, दुलराया और उपचार किया।
बीमार लोगों को बड़े आत्मविश्वास के साथ दवाएं दीं। उनके इलाज से लोग आश्चर्यजनक रूप से ठीक होने लगे। उस दिन उन्होंने बीस घंटे तक लोगों का इलाज किया। अगले दिन लोगों ने उन्हें पैसे देने चाहे, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार करते हुए कहा कि यह मेरा काम था। बस आप लोग मुझे आशीर्वाद दें ताकि मैं अपने काम को ठीक से कर सकूं। कॉनन की यह बात सुनकर लोग प्रसन्न हो गए और खूब आशीर्वाद दिया।
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