प्रतीकात्मक चित्र |
अशोक मिश्र
व्यक्तियों के समूह से ही परिवार और परिवारों के समूह से गांव और शहर का निर्माण होता है। गांवों और शहरों के समुच्चय से ही प्रदेश और देश अस्तित्व में आते हैं। देश और प्रदेश के विकास में वहां रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका होती है। किसी की कम और किसी की ज्यादा। लेकिन किसी भी नागरिक की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
प्राचीनकाल में अफ्रीका में एक राजा हुआ करता था कमेराका। वह बहुत घमंडी और क्रूर था। अपने राजदरबार में बैठकर वह केवल अपनी प्रशंसा किया करता था और गप्पें हांकता था। यदि उसकी बात का कोई विरोध करता था, तो वह मौत या दूसरी किस्म की क्रूर सजाएं दिया करता था। उसे अपनी बुद्धि पर बहुत अभिमान था। वह मानता था कि उसके बराबर बुद्धिमान व्यक्ति दुनिया में कोई दूसरा नहीं है।
एक दिन उसने अपने दरबार में कहा कि सब लोग मेरे सेवक हैं। उसी दरबार में बैठे बुजुर्ग बोकबार ने कहा कि दुनिया का हर आदमी एक दूसरे का सेवक है। बुजुर्ग बोकबार काफी बुद्धिमान आदमी थे और वह अपने अध्ययन के लिए प्रसिद्ध थे। राजा नाराज हो उठा। उसने कहा कि यदि तुम आज शाम तक मुझसे अपनी सेवा नहीं करवा पाए, तो मैं तुम्हें मृत्यु दंड दूंगा। यह सुनकर दरबारी सहम गए।
बोकबार ने कहा, ठीक है। शाम को जब राजा और बोकबार दरबार से निकलने लगे, तो सामने एक भिखारी को खड़े देखकर बोकबार ने कहा कि यदि आप कहें, तो इस भिखारी को भोजन दे दूं। जब बोकबार उस भिखारी को भोजन देने को आगे बढ़े, उनकी छड़ी गिर गई। यह देखकर राजा ने तुरंत छड़ी उठाकर बोकबार को दे दी। तब बोकबार ने कहा कि देखा, आपने मेरी सेवा की या नहीं। यह सुनकर राजा प्रसन्न हो गया। उसने बोकबार को अपना मंत्री बना लिया।
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