Saturday, September 27, 2025

हरियाणा में धूल और प्रदूषण के चलते लोगों को होने लगी परेशानी

अशोक मिश्र

दुनिया का हर आदमी खुशहाल जीवन जीना चाहता है। वह तनाव और रोग मुक्त जीवन की आकांक्षा रखता है, लेकिन कभी उसके कर्म और कभी समाज के कर्म उसकी खुशहाल जिंदगी में सबसे बड़े बाधक के रूप में प्रकट हो जाते हैं। इन दिनों हरियाणा की हवा में घुल रही धूल और प्रदूषण लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।  आधुनिक सुविधाएं लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। धूल पिछले कुछ समय से हरियाणा के वातावरण में घुलती जा रही है। बरसात के बीत जाने के बाद आमतौर पर वातावरण साफ सुथरा हो जाता है, लेकिन इस बार अभी से ही वातावरण में धूल की चादर दिखाई देने लगी है। 

आने वाले दिनों में जब धान की कटाई हो जाएगी, तो पराली भी लोगों के लिए एक समस्या बनकर सामने आएगी। धूल और प्रदूषण की समस्या उन शहरों में सबसे ज्यादा है, जो औद्योगिक  और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इन शहरों में कल-कारखानों से निकला धुआं और भवन निर्माण के नियमों की अवहेलना की वजह से ही धूल चारों ओर छा रही है। शहरों में अवैध निर्माण की वजह से वातावरण में धूल जमा हो रही है। राज्य के कई जिलों में बिना परमीशन लिए जमीन खरीदने-बेचने और भवन निर्माण का काम करने वाले लोग किसी भी नियम की परवाह किए बिना निर्माण कर रहे हैं। ऐसे लोग सरकार के नियमों का पालन भी नहीं करते हैं। 

इसके लिए डीटीपी विभाग ने कई बार पुलिस को पत्र भी लिखा, लेकिन कोई मुकम्मल कार्रवाई भी नहीं होती दिखी है। प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी है कि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूरे राज्य में सक्रिय हो और अवैध निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाए। जबकि हालात यह हैं कि प्रदूषण मापक यंत्र ज्यादातर शहरों में या तो पर्याप्त संख्या में हैं नहीं या फिर खराब पड़े हैं। 

ऐसी स्थिति में अधिक जिलों में यह पता ही नहीं चल पाता है कि किस इलाके में प्रदूषण कम है या ज्यादा है। अवैध कब्जों और निर्माणों पर भी प्रशासन निगरानी नहीं कर पा रहा है। अगर विशेषज्ञों की मानें तो सबसे पहले अवैध निर्माणों को रोकने के साथ-साथ हरियाली क्षेत्र को बढ़ाने की जरूरत है। सरकारी और गैर सरकारी जमीनों पर पौधरोपण को बढ़ावा देने पर ही प्रदूषण से किसी हद तक निजात मिल सकती है। 

प्रदेश में कचरा प्रबंधन का भी पर्याप्त उपाय करना चाहिए क्योंकि धूल और प्रदूषण का एक कारण कचरों का इधर उधर पड़ा होना भी है। हरियाणा में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण अरावली पर्वत श्रंखला पर पिछले कुछ दशकों से हरियाली का घटना है। अरावली पर्वत से वनों की कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है। यहां पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है जिसकी वजह से प्रदूषण फैल रहा है।

No comments:

Post a Comment