अशोक मिश्र
पैराडाइज लॉस्ट जैसी अमर कृति लिखने वाले जॉन मिल्टन का जन्म 9 दिसंबर 1608 में लंदन में हुआ था। इनके पिता साहित्य और कला प्रेमी थे। एक सुसंस्कृत परिवार में जन्म लेने का फायदा इन्हें मिला और इनके साहित्य को दुनिया भर में प्रशंसा मिली। मिल्टन की शिक्षा सेंट पॉल स्कूल तथा कैंब्रिज विश्वविद्यालय के क्राइस्ट कॉलेज में हुई। क्राइस्ट कॉलेज में वे सात वर्ष रहे।
1629 ई० में उन्होंने स्नातक पास किया और 1632 में स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की। इसके बाद भी इनका अध्ययन जारी रहा। जॉन मिल्टन को शेक्सपियर के बाद अंग्रेजी साहित्य के दूसरे महानतम कवि माना जाता है। कहते हैं कि जॉन मिल्टन ने कालेज समय से ही गद्य और पद्य में लिखना शुरू कर दिया था। सन 1643 को मिल्टन का विवाह मैरी पावेल से हुआ।
शादी के एक महीने बाद ही इनकी पत्नी अपने पिता के पास यह कहते हुए लौट गईं कि मिल्टन के साथ जीवन यात्रा अंधकारमय है। लेकिन दो साल बाद वह मिल्टन के पास खुद ही लौट आई। तीन पुत्रियों की मां बनने के बाद 1652 में मेरी पावेल की मौत हो गई। दुर्भाग्य से इसी दौरान मिल्टन की आंखों से रोशनी चली गई। वह उन दिनों पैराडाइज लास्ट यानी स्वर्ग से निष्कासन नामक काव्य ग्रंथ लिख रहे थे।
अब जब कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, ऐसी स्थिति में लिखना-पढ़ना बिल्कुल बंद हो गया। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी तीनों बेटियों और मित्रों से अनुरोध किया कि वह जो कुछ बोल रहे हैं, उसे लिपिबद्ध कर दें। बेटियों और मित्रों के सहयोग से किसी तरह काव्य ग्रंथ पूरा हुआ। प्रकाशित होने पर पैराडाइज लॉस्ट बहुत लोकप्रिय हुआ। लेकिन तत्कालीन शासन ने इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया।
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