Saturday, September 6, 2025

स्कूलों में भी दी जानी चाहिए सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग

अशोक मिश्र

हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि वह सरकारी कर्मचारियों को भी सिविल डिफेंस वालंटियर बनाएगी। इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी आपदा राहत कार्यों में सिविल डिफेंस वालंटियर के रूप में काम करता है, तो उसे विशेष आकस्मिक अवकाश भी दिया जाएगा। सैनी सरकार की यह योजना वाकई सराहनीय है। 

अक्सर होता यह है कि जब बाढ़, भूकंप, युद्ध या महामारी जैसी स्थितियां पैदा होती हैं, तो सेना, एनडीआरएफ, सीडीआरएफ जैसी तमाम संस्थाएं लोगों की मदद को आगे आती हैं। वह आपदा काल में लोगों तक दवाएं, खाद्य सामग्री या उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का भरसक प्रयास करती हैं। अब पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में बाढ़ आई हुई है। सेना, एनडीआरएफ, सीडीआरएफ जैसी तमाम संस्थाएं लोगों को राहत पहुंचाने में लगी हुई हैं। इसके बावजूद इन राज्यों में कई ऐसे इलाके हैं जहां इन संस्थाओं की पहुंच अभी तक नहीं हो पाई है। इसका कारण कुछ भी हो सकता है। 

सड़कों का खराब होना,  इन संस्थाओं के वालंटियरों की संख्या कम होना, उनका दूसरी जगहों पर बचाव एवं राहत कार्य में व्यस्त होना भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में यदि स्थानीय स्तर पर सरकारी कर्मचारी ही बचाव एवं राहत कार्य में जुट जाएं तो इससे आपदा से घिरे लोगों को काफी राहत महसूस होगी। सिविल डिफेंस एक ऐसा संगठनात्मक ढांचा है जो आपदा के समय पीड़ितों को राहत पहुंचाने का प्रयास करता है। भूकंप, बाढ़, तूफान, अग्निकांड, रासायनिक  रिसाव, औद्योगिक क्षेत्रों में हुई दुर्घटनाओं, युद्ध या आतंकी हमले के दौरान लोगों को बचाने के लिए सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक सक्रिय होते हैं। 

इसमें आम जनता से भी लोग जुड़े होते है। स्थानीय नागरिकों को इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण दिया जाता है। गांव या शहर में कोई छोटी-मोटी आपदा होती है, तो सिविल डिफेंस के वालंटियर ही उसे संभाल लेते हैं। वैसे इन दिनों हरियाणा लगभग एक दर्जन जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों, दुकानों, खेतों में पानी भर गया है। कुछ गांवों का तो बाकी सबसे संपर्क ही कट गया है, ऐसी स्थिति में सिविल डिफेंस वालंटियर बड़े काम का साबित हो सकता है। यदि सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़के-लड़कियों को दिया जाए, तो शायद ज्यादा कारगर होगा। यह विद्यार्थी आगे चलकर आपदा के समय काफी काम आ सकते हैं। इस प्रशिक्षण में विद्यार्थियों में अनुशासन, सेवाभाव और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का उदय होगा और वह समाज और राष्ट्र के प्रति ज्यादा समर्पित भाव से काम करेंगे। वह एक अच्छे नागरिक भी बनेंगे।

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