इस बात में कोई शक नहीं है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे देश में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और जनाधार बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को यह सख्त निर्देश दे रखा है कि वह अपने मतभेदों और मनमुटाव को उचित मंच पर उठाएं। जनता में पार्टी की छवि खराब नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद कहीं न कहीं आपसी मतभेद कांग्रेस में उभर ही आते हैं।
सात अक्टूबर को चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के दायित्व ग्रहण समारोह में जिस तरह भीड़ जुटी और नेताओं ने भाग लिया, उससे लगा कि प्रदेश नेतृत्व गुटबाजी और आपसी मनमुटाव को खत्म करने में सफल हो गया है। दायित्व ग्रहण समारोह में न केवल भूपेंद्र सिंह हुड्डा मौजूद रहे, बल्कि रणदीप सुर्जेवाला ने भी शिरकत की। कुमारी सैलजा उन दिनों विदेश यात्रा पर थीं, लेकिन उनके गुट के नेता भी समारोह में शामिल रहे। इस समारोह में जिस तरह परस्पर विरोधी माने जाने वाले नेताओं और उनके समर्थकों की जुटान हुई, उससे लगा था कि कांग्रेस नेतृत्व सभी गुटों को एक झंडे के नीचे लाने में सफल हो गई।
लेकिन चरखी-दादरी में हुई घटना ने इस मान्यता की धज्जियां उड़ा दीं। आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले के विरोध में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया था। इससे पहले कांग्रेस ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस प्रदर्शन में नेताओं को अपनी-अपनी बात रखनी थी। रासीवासिया धर्मशाला में आयोजित बैठक में बाढ़हा से पूर्व विधायक सोमवीर का भाषण खत्म होने के बाद पूर्व संसदीय सचिव श्याम सिंह को बोलना था। लेकिन मानकावास के पूर्व सरपंच राज करण बीच में ही बोलने लगे।
इससे श्याम सिंह और राज करण के समर्थक आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों ने न केवल एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की, बल्कि गालियां भी दीं। इन नेताओं और उनके समर्थकों ने इस बता का भी ख्याल नहीं रखा कि कार्यक्रम स्थल पर महिलाएं भी मौजूद हैं और उनके सामने गाली गलौज नहीं करनी चाहिए। इस घटना के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह कहना पड़ा कि पार्टी में बढ़ती अनुशासनहीनता से निपटने के लिए अनुशासन कमेटी बनाई जाएगी और जो भी अनुशासन भंग करता हुआ पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सवाल यह है कि सार्वजनिक स्थल पर एक दूसरे के खिलाफ गालियां बकने वाले कांग्रेस नेताओं को इस बात का ख्याल नहीं रह जाता है कि इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है। पार्टी के ऐसे नेता और कार्यकर्ता आपस में गालीगलौज और एकदूसरे के खिलाफ बयान देकर राहुल गांधी की सारी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। इन गुटबाज और गालीबाज नेताओं और कार्यकर्ताओं की वजह से ही कांग्रेस आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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