सचमुच यह बहुत शर्म की बात है कि मिलेनियम सिटी के नाम से विख्यात गुरुग्राम में जगह-जगह फैली गंदगी को देखकर विदेशी पर्यटक उसकी सफाई करने के लिए आगे आ जाएं। यह गुरुग्राम के स्थानीय निकाय के लिए शर्मनाक है ही, स्थानीय निवासियों को भी शर्मिंदा होना चाहिए। गुरुग्राम में गलियों से लेकर मुख्य सड़कों और प्रमुख स्थलों पर फैली गंदगी को लेकर पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर चर्चा हो चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिल्ली उड़ाई जा चुकी है।
बरसात के मौसम में चारों ओर फैली गंदगी को देखकर विदेशी पर्यटकों ने सोमवार को गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन से लेकर नया गुरुग्राम क्षेत्र तक सफाई की। विदेशी पर्यटकों के समूह को सफाई करते देखकर कुछ स्थानीय लोगों को शायद लज्जा आई और उन्होंने भी इस काम में हाथ बंटाया। लेकिन स्थानीय निकाय के कर्मचारी दूर-दूर तक नजर नहीं आए। बरसात के दिनों में वैसे तो अच्छे खासे शहर की हालत बिगड़ जाती है, लेकिन गुरुग्राम में छोटी-छोटी तंग गलियों से लेकर प्रमुख स्थलों तक फैली गंदगी को अनदेखा कर शहर वाले आगे बढ़ जाते हैं। कोई इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी नहीं करता है।
कोई सड़कों पर बजबजाती और बीमारी का कारण बनती गंदगी को लेकर विरोध भी नहीं करता है। इन सब बातों को देखकर ही शायद विदेशी पर्यटकों ने शायद एक ग्रुप बनाया है जो रोज गुरुग्राम की सड़कों की सफाई किया करेगा। पूरी दुनिया में आईटी, टेलिकाम, आटोमोबाइल, गारमेंट और मेडिकल हब के रूप में विख्यात गुरुग्राम की सड़कों की भी दशा काफी खराब है। बरसात के दिनों में सड़कों पर बने गड्ढे किसी बड़े हादसों का इंतजार कर रहे हैं। सच तो यह है कि पिछले कई महीनों से गुरुग्राम में जगह-जगह पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
इसी गंदगी को देखकर कुछ सप्ताह पहले फ्रांसीसी महिला मैथिलडे आर ने इसे सुअरों के रहने लायक बताते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। एक पूर्व सेनाधिकारी ने कूड़े के ढेर पर अपना भोजन तलाशते पशुओं की एक वीडियो डालकर गुरुग्राम की गंदगी पर अपना रोष भी जाहिर किया था। इसके बावजूद स्थानीय निकाय के कान पर जूं तक नहीं रेगीं। इसी बीच सर्बिया का एक युवक चुपचाप गुरुग्राम को साफ करने में भी लगा हुआ है।
पिछले एक साल से गुरुग्राम में सर्बिया के नागरिक 32 वर्षीय लेजर जेनकोविक रोज एक फावड़ा और बड़े कचरे का बैग लेकर सड़कों की सफाई करते हैं। कुछ स्थानीय लोग भी उनका साथ देते हैं। लेकिन इतने से तो शहर की सफाई नहीं हो सकती है। स्थानीय निकाय को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
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