Friday, August 1, 2025

फर्श से अर्स तक पहुंचे हेनरी फोर्ड

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति और कार व्यवसायी हेनरी फोर्ड का जन्म मिशिगन के स्प्रिंगवेल्स टाउनशिप में 30 जुलाई 1863 को हुआ था। उनके पिता उन्हें किसान बनाना चाहते थे, लेकिन उनका मन खेती-किसानी में नहीं लगता था। उनका मन मशीनों में लगता था। यही वजह है कि वह ज्यादा पढ़-लिख भी नहीं सके। उन्होंने स्प्रिंगवेल्स मिडिल स्कूल से केवल आठवीं कक्षा पास की। 

एक दिन उनके पिता ने उन्हें एक घड़ी दी, तो उन्होंने उसको खोल दिया। थोड़ी देर बाद जब उनके पिता लौटे तो घड़ी को खुला देखकर नाराज हुए। उन्होंने तुरंत उस घड़ी को पहले जैसा कर दिया। इसके बाद तो उन्होंने अपने दोस्तों और पड़ोसियों की घड़ियों को ठीक करना शुरू कर दिया। सोलह साल की उम्र में ही वह भागकर शहर आ गए। क्योंकि उनका गांव में मन नहीं लगता था। शहर में काफी भटकने के बाद रेल के डिब्बे बनाने वाले कारखाने में हेनरी फोर्ड को काम मिला। 

वहां एक मशीन खराब हो गई थी जिसे फोर्ड ने आधे घंटे में ही ठीक कर दिया। लेकिन उम्र कम होने की वजह से कुछ ही दिनों बाद फोर्ड को काम से निकाल दिया गया। काम की तलाश में वह भटक ही रहे थे कि एक दिन वह एक लड़के से टकरा गए जिसके थैले में काफी घड़ियां रखी हुई थीं। उनमें से कुछ टूट गई थीं। फोर्ड ने उस लड़के को घड़ियों को ठीक करने का आश्वासन दिया और उसके पिता की दुकान पर जाकर सभी घड़ियां ठीक कर दीं। 

जीवन संघर्ष के दौरान उन्होंने पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी बनाई जो उस साल अमेरिका में होने वाली कार रेस में जीत गई। इसके बाद तो हेनरी फोर्ड ने पीछे घूमकर नहीं देखा। बाद में उन्होंने एक आटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की और फिर उनकी कारों ने पूरी दुनिया में धूम मचा दी। उन्होंने अपनी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों का हमेशा ख्याल रखा।

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