अशोक मिश्र
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। वह पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मौत के बाद प्रधानमंत्री चुने गए थे। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगल सराय जिले में हुआ था। शास्त्री जी जब डेढ़ साल के थे तो उनके पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव का निधन हो गया था। परिवार में सबसे छोटे होने की वजह से सब लोग इन्हें नन्हें कहकर बुलाते थे। कद भी शास्त्री जी का छोटा था।
लेकिन विचार और चरित्र के मामले में वह कहीं ज्यादा ऊंचे थे। शास्त्री जी ने बहुत गरीबी में अपना बचपन गुजारा था और काफी संघर्ष करके अपनी पढ़ाई पूरी की थी। शास्त्री जी के बचपन की एक घटना है। इस घटना ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी थी। कहा जाता है कि एक बाग में शास्त्री जी के मोहल्ले के बच्चे आम चोरी करने गए। वह उन्हें भी जबरदस्ती घसीट ले गए। बच्चों ने खूब आम तोड़े और शास्त्री जी को भी आम तोड़ने के लिए उकसाया।
साथियों के उकसाने पर भी उन्होंने आम नहीं तोड़ा। तभी उनकी निगाह बाग में ही लगे फूल के कुछ पौधों पर गई। वह एक फूल तोड़ने के लोभ का संवरण नहीं कर सके और गुलाब का एक फूल तोड़ लिया। तभी बाग का माली वहां आ पहुंचा। उसे देखकर सारे लड़के भाग खड़े हुए लेकिन शास्त्री जी वहीं खड़े रहे। माली ने उनसे कहा कि तुम्हें चोरी करते हुए शर्म नहीं आती है? तुम्हारा घर कहां है, चलो तुम्हारे पिता से इसकी शिकायत करते हैं।
शास्त्री जी ने कहा कि मेरे पिता नहीं हैं। मैंने आम नहीं तोड़े हैं, लेकिन एक फूल जरूर तोड़ा है। माली ने कहा कि किसी चीज को उसके मालिक से पूछे बिना ले लेना चोरी कहलाती है। यदि तुम इसे पूछकर तोड़ते तो चोरी नहीं होती। यह सुनकर उन्होंने माली से कभी चोरी न करने का वायदा किया। आजीवन उस वायदे को निभाया भी।
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