समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले लोग अपने जीवन में सफल होते हैं और वह समाज को कुछ दे भी सकते हैं। आज का युग तकनीक का है। पूरी दुनिया में रोज नई-नई तकनीक का आविष्कार हो रहा है। उनका उपयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसे दौर में जो लोग तकनीक के साथ कदमताल कर सकते हैं, वह उसका उपयोग आत्म विकास के साथ-साथ रोजगार में भी कर सकते हैं। हरियाणा सरकार ने यही सोचकर कोरोना काल में बच्चों को टैबलेट उपलब्ध कराया था ताकि इसका इस्तेमाल वह अपनी पढ़ाई लिखाई और अपना ज्ञान बढ़ाने में करेंगे।
नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का मकसद यही था कि वह अपने घर पर ही रहकर आनलाइन पढ़ाई करेंगे। सरकार ने इस मद में 620 करोड़ रुपये खर्च किए। प्रदेश के पांच लाख बच्चों को दो जीबी डाटा भी उपलब्ध कराया गया। सरकार के ऐसा करने के पीछे सोच तो सकारात्मक थी, लेकिन व्यावहारिक उतनी नहीं थी। दरअसल, कोरोना काल में स्कूल, कार्यालय और बाजार आदि बंद होने की वजह से बच्चों से लेकर उनके माता-पिता तक घर में ही एक तरह से नजरबंद हो गए थे।
आनलाइन पढ़ाई भी मुश्किल से घंटा-डेढ़ घंटा ही हो पाती थी। इसके बाद के बचे समय का छात्रों ने दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। टैबलेट पर इन्होंने फिल्में देखना, गेम खेलना, गेमिंग के नाम पर आनलाइन जुआ खेलना, अश्लील साहित्य पढ़ना और अश्लील फिल्में देखना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि बच्चे पढ़ाई में पिछड़ने लगे। उनका मन पढ़ाई की बजाय अनुचित कामों में लगने लगा। नतीजा यह हुआ कि उनके माता-पिता भी अपने बच्चों की करतूत से परेशान रहने लगे। इसकी शिकायत भी ग्रामपंचायत स्तर और स्कूलों में की जाने लगी। ऐसी शिकायतें जब प्रशासनिक स्तर पर पहुंचने लगीं, तो सरकार के कान खड़े हो गए।
ऐसी स्थिति में मजबूरन प्रदेश सरकार को टैबलेट वापस लेने का फैसला करना पड़ा। हालांकि प्रदेश सरकार छात्र-छात्राओं को दिए गए टैबलेट का सकारात्मक उपयोग करने की दिशा में विचार कर रही है। वह टैबलेट को ओलंपियाड से जोड़ने जा रही है। बजट में इस बार मैथ ओलंपियाड शुरू करने का फैसला किया गया है। मैथ ओलंपियाड से टैबलेट को जोड़कर उनकी गणितीय और तर्क क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए इससे संबंधित विभागों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग से भी कहा गया है कि वे गैर बोर्ड परीक्षाओं में टैबलेट के उपयोग की रूपरेखा तैयार करें। तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन जब उसका दुरुपयोग होने लगता है, तो वह अभिशाप बन जाता है।
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