हरियाणा में नशा तस्करी और मादक पदार्थों के दुरुपयोग को लेकर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। प्रदेश में नशा तस्करी का जाल काफी व्यापक रूप से फैला हुआ है। यह नशा कारोबारी और नशीले पदार्थ लोगों के लिए भारी मुसीबत बनते जा रहे हैं। नशीले पदार्थ के चंगुल में प्रदेश के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग आते जा रहे हैं। नशा किसी भी समाज के पतन का कारण बन सकता है। वैसे प्रदेश सरकार को सख्त प्रवर्तन, व्यापक जनसहयोग और जागरूकता के साथ मजबूत पुनर्वास तंत्र की बदौलत बनाई गई समन्वित रणनीति के चलते वर्ष 2025 में नशा कारोबार को कम करने में भारी सफलता मिली है।
हरियाणा नारकोटिक्स विभाग ने पिछले साल चार सौ से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार किया था। गुरुग्राम एंटी नारकोटिक्स क्राइम ब्रांच ने जून महीने में कई ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया था जो प्रदेश में सक्रिय नशा तस्करों के लिए मुंबई और नेपाल में काम कर रहे थे और डार्क वेब और सिग्नल एप के जरिये नशीले पदार्थों की सप्लाई कर रहे थे। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच पूरे प्रदेश में नशा तस्करी मामले में 2161 एफआईआर दर्ज की गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 2022 था।
इस साल जुलाई तक 3629 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ सम्यक कार्रवाई की गई। उनके कारोबार को खत्म करने का हरसंभव प्रयास किया गया। पड़ोसी राज्यों की मदद से भी नशा कारोबार पर करारा प्रहार किया गया। दूसरे राज्यों के साथ समन्वय बिठाकर 293 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से अच्छी खासी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए। नशा कारोबारियों की संपत्तियां जब्त करके 1.31 करोड़ रुपये की वसूली की गई। यह रकम पिछले साल के मुकाबले में 23.41 लाख रुपये ज्यादा थी। पिछले काफी दिनों से चलाया जा रहा ‘नशामुक्त हरियाणा अभियान’ प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
अब तक प्रदेश के लगभग 40 प्रतिशत से अधिक गांवों को नशामुक्त घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद अभी और प्रयास करने की जरूरत है। अगर प्रदेश को नशामुक्त बनाना है, तो इसमें जनसहयोग बहुत जरूरी है। कोई भी सरकार केवल अपने दम पर किसी राज्य को नशा मुक्त या अपराध मुक्त नहीं कर सकती है। यह सफलता तभी हासिल होगी, जब इसमें हर गांव और हर शहर से लोग स्वत: उठकर शामिल होंगे और नशे के खिलाफ माहौल बनाएंगे। इसमें स्कूलों और स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। स्कूली बच्चों को नशे के खिलाफ चलने वाली मुहिम में शामिल करना होगा।
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