अशोक मिश्र
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया है। उन्होंने हरियाणा और मध्य प्रदेश के जिलाध्यक्षों से साफ कह दिया है कि उन्हें किसी नेता के दबाव में आने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि आपको अपनी पिच तैयार करके बैटिंग करनी होगी। दूसरों के पिच पर खेलने पर जल्दी आउट हो जाओगे और दूसरे के इशारे पर खेलना होगा। वैसे राहुल गांधी की यह बात बिल्कुल सही है।
यदि जिलाध्यक्षों को अपने जिले में कांग्रेस की एक मजबूत टीम तैयार करनी है, तो सबसे पहले अपने विश्वसनीय और पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को जिम्मेदारियां देनी होगी। जिम्मेदार लोगों को आगे लाकर उन्हें जिला कांग्रेस का चेहरा बनाना होगा। इसके बाद ब्लाक और बूथ स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक टीम तैयार करनी होगी। यह टीम ऐसी होनी चाहिए जो जनता से जुड़ी हुई हो। लोगों की छोटी से छोटी समस्याओं को दूर करने का हरसंभव प्रयास कर सके। लोगों की दिक्कतों को जिला प्रशासन तक पहुंचाकर उनका समाधान कराए। जरूरत पड़ने पर जनता के लिए सड़कों पर उतरे और जिला प्रशासन को अपने आंदोलन से समस्याओं के निराकरण के लिए मजबूर कर दे।
अगर जिला स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करना है, तो सबसे पहले युवाओं को आगे करना होगा। युवाओं की ऊर्जा और जुझारूपन को नियंत्रित करने के लिए अनुभवी आदमियों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देनी होगी। युवा शक्ति और वरिष्ठ नेताओं के अनुभव के तालमेल से ही कांग्रेस को संगठित और मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि कांग्रेस का हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने मतभेद को भुलाकर सिर्फ संगठन के लिए काम करें। हरियाणा में कांग्रेस की पराजय के पीछे नेताओं की आपसी गुटबाजी का सबसे बड़ा हाथ रहा है। हरियाणा कांग्रेस में तीन गुट साफतौर पर नजर आते थे।
हुड्डा गुट पूरे प्रदेश संगठन पर हावी दिखाई देता था। सैलजा गुट और सुरजेवाला गुट दोनों हुड्डा के कार्यक्रम में दिखाई नहीं पड़ते थे। इन दोनों गुटों के कार्यक्रम में हुड्डा गुट भाग नहीं लेता था। कांग्रेस के तीनों गुट चुनाव से पहले ही इस बात के लिए लड़ने लगे थे कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस कलह ने भी जीती हुई कांग्रेस को हरा दिया। भाजपा इस कलह का फायदा उठा ले गई। अब कांग्रेस नेता भाजपा पर हरियाणा में वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। इस आरोप में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच होने पर ही पता चलेगा। लेकिन यह भी सही है कि कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में लुटिया कांग्रेसियों ने ही डुबोई थी।
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