Saturday, August 16, 2025

स्वाधीनता दिवस पर अपने शहीद क्रांतिकारियों को हरियाणा ने किया याद

अशोक मिश्र

पंद्रह अगस्त को हम आजादी के उन्यासीवें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। देश को आजाद कराने के लिए हजारों रणबांकुरों ने अपनी शहादत दी, ब्रिटिश हुकूमत की लाठियां गोलियां खाईं, कारागार की यातनाएं सही। न जाने कितने लोगों को फांसी दी गई। भारत का स्वाधीनता संग्राम बीसवीं सदी का सबसे लंबा चलने वाला संग्राम था। भारत में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह अत्तिंगल विद्रोह था, जो 1721 में हुआ था। इस विद्रोह में मालाबार के लोगों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के 140 सैनिकों की हत्या कर दी थी और अंजेंगो किले को घेर लिया था। इसके बाद तो छिटपुट विद्रोह होते रहे, लेकिन 1857 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ रजवाड़ों ने संगठित विद्रोह किया। इसके बाद होने वाले विद्रोह में जनता भी शामिल होती गई। 

भारत के स्वाधीनता संग्राम में हरियाणा (तब पंजाब प्रांत) की भूमिका रही है। वर्तमान हरियाणा की यदि बात की जाए, तो राव तुलाराम और राजा नाहर सिंह 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी शहादत देने वालों में अग्रगण्य हैं। इन्होंने बड़ी बहादुरी से अंग्रेजी फौजों का मुकाबला किया और अंतत: अपनी शहादत देकर अमर हो गए। हरियाणा के क्रांतिकारियों में सर छोटूराम का नाम गर्व से लिया जाता है। इसके अलावा सुल्तान सिंह गहलोत, शेर सिंह कादयान, मतू राम हुड्डा, गुलाब सिंह बुराक, धर्मपाल सिंह भालोठिया, देवक राम सूरह, बंसी लाल, भोपाल सिंह आर्य, बुजा राम खीचर ने भी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर अपना नाम प्रदेश के इतिहास में अमर कर लिया। 

1857 की जंग में मेवात के दस हजार लड़ाकों ने अपनी शहादत देकर अपना नाम अमर कर लिया। ऐसे रणबांकुरों और अपनी मातृभूमि पर प्राण न्यौछावर करने वालों की जन्म और कर्मभूमि पर 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। 15 अगस्त को पूरे प्रदेश के लोग अपने पूर्वज शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देकर उनको नमन करेंगे। देश भर के क्रांतिकारियों और स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की मूर्तियों पर फूल चढ़ाकर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा क्योंकि इनकी ही शहादत के परिणाम स्वरूप हमें आजादी हासिल हुई थी। 

प्रदेश की सैनी सरकार ने भी बड़े पैमाने पर स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिसमें सरकार के नुमाइंदे भाग लेंगे। प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष, सांसद, मंत्रियों, विधायकों को प्रत्येक जिले में होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रदेश की सभी संस्थाएं स्वाधीनता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। स्कूल-कालेजों में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होंगे और झांकियां निकाली जाएंगी।

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