मिलेनियम सिटी के नाम से विख्यात गुरुग्राम में फैली गंदगी के बारे में कुछ सप्ताह पहले मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई थी। फ्रांसीसी महिला मैथिलडे आर ने तो इसे सुअरों के रहने लायक बताते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। इसको लेकर काफी चर्चा भी हुई थी। एक पूर्व सेनाधिकारी ने कूड़े के ढेर पर अपना भोजन तलाशते पशुओं की एक वीडियो डालकर गुरुग्राम की गंदगी पर अपना रोष भी जाहिर किया था। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में फैली गंदगी और कूड़े के ढेर से शायद ही कोई इनकार करे। सच बात तो यह है कि हर चमचमाते शहर का दो चेहरा होता है।
शहर में चमचमाते होटल, शापिंग माल्स और पाश कालोनियां बाहर से देखने पर मन मोह लेती हैं। लेकिन इन चमचमाती कालोनियों, होटलों और शापिंग माल्स के पीछे जाकर देखिए। आगे से चमचमाने के अनुपात में ही पीछे कूड़ा कचरा पड़ा होता है। यह सब अपने आगे का हिस्सा बहुत साफ रखते हैं, लेकिन इस सफाई के दौरान निकला कूड़ा-कचरा पीछे ही फेंक देते हैं। अगर उधर से कोई शख्स निकलना चाहे तो उसे अपनी नाक पर रुमाल रखने को मजबूर होना पड़ेगा। यह लगभग हर शहर की सच्चाई है। लेकिन जिस गुरुग्राम की गंदगी को लेकर कुछ दिनों पहले तक इतनी हाय-तौबा मची हुई थी।
उसी बीच सर्बिया के एक युवक चुपचाप गुरुग्राम को साफ करने में भी लगा हुआ था। पिछले एक साल से गुरुग्राम में सर्बिया के नागरिक 32 वर्षीय लेजर जेनकोविक रोज एक फावड़ा और बड़े कचरे का बैग लेकर निकल पड़ते हैं गुरुग्राम की किसी गली को साफ करने। वैसे तो लेजर वर्ष 2018 को भारत में माडलिंग करने आए थे। छह साल तक बेंगलुरु में रहकर मॉडलिंग की, लेकिन पिछले साल वह गुरुग्राम आ गए थे। तब से वह रोज ‘एक दिन एक गली’ अभियान चला रहे हैं। वह सुबह निकलते हैं और जो भी गली उन्हें गंदी दिखाई देती है, तो वह उसे साफ करने में जुट जाते हैं।
वह यह नहीं सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे? शुरुआत में तो कुछ लोगों ने उन्हें सिरफिरा समझकर तंज भी किया था, लेकिन अब लोग उनकी मुहिम में हंसी-खुशी से हिस्सा ले रहे हैं। गुरुग्राम के लोग जब उनसे पूछते हैं कि तुम क्या कर रहे हो? तो वह पूछने वाले से ही पूछ बैठते हैं कि आप खुद से पूछिए कि आप क्यों नहीं कर रहे हैं? वैसे भी वह इससे पहले ऋषिकेश में सफाई अभियान चला चुके हैं। यह एक नई मिसाल है। यदि लेजर से ही सीखकर लोग सिर्फ अपनी गली को ही साफ सुथरा रखने का प्रण कर लें, तो शायद देश का हर शहर साफ सुथरा और प्रदूषण रहित होगा। लोग स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकेंगे।
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