Sunday, May 17, 2009

व्यंग्य

2 comments:

  1. उम्दा! लेकिन यह अख़बार का पन्ना छापने के ब्जाय अगर आप इसे पोस्ट रूप में छपें, मंगल फॉंटॅ में तो पढना आसान होगा.

    ReplyDelete
  2. अच्छा व्यंग लिखा है आपने ..छप चुके व्यंगों के आलावा मूल रचना भी प्रकाशित करें.

    ReplyDelete