Tuesday, April 8, 2025

मानवता की सेवा करने वाले लुई पाश्चर

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

लुई पाश्चर फ्रांस के महान रसायनज्ञ और सूक्ष्मजीव विज्ञानी थे। उनका जन्म 27 दिसंबर 1822 को फ्रांस के डोल में हुआ था। रैबीज टीके की खोज का श्रेय लुई पाश्चर को ही जाता है। उन्होंने एक बार देखा कि पागल कुत्ते के मुंह से निकलने वाले झाग जानलेवा होता है जो सबसे पहले दिमाग पर असर डालता है। 

उन्होंने पागल कुत्ते के मुंह से निकलने वाले झाग को इकट्ठा किया और उससे एक सीरम तैयार किया। इसका परीक्षण बाद में उन्होंने चमगादड़, बिल्ली, बंदर, नेवला और भेड़िया आदि पर किया। परिणाम काफी उत्साहजनक रहे। उनके इस काम में उनके बचपन के मित्र  रूक्स ने काफी मदद की। पागल कुत्ते के काटने का इलाज खोजने के पीछे एक कारण यह था कि जब वह छोटे थे, तो उनके एक मित्र निकोल को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। निकोल की मृत्यु को वह भूल नहीं पाए थे। 

वह अपने मित्र को खो देने के बाद इसके इलाज के बारे में ही सोचते रहते थे। रैबीज का टीका तैयार कर लेने के बाद सबसे पहले एक बच्चे पर उन्होंने प्रयोग किया। एक महिला के बेटे को दो दिन पहले पागल कुत्ते ने काट लिया था। उस लड़के की हालत प्रतिपल खराब होती जा रही थी। वह अपने बेटे को पाश्चर के पास इलाज के लिए लेकर आई थी। 

उन्होंने वह टीका उस बच्चे को लगाया, तो नतीजे सकारात्मक निकले। बच्चा कुछ दिन बाद पूरी तरह ठीक हो गया। इसके बाद उन्होंने कई तरह के टीकों की इजाद की। कहा जाता है कि वह स्टासबर्ग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, तो वह वहां के एक अधिकारी की बेटी से विवाह करना चाहते थे। बाद में जब तय हो गया, तो वह विवाह के दिन चर्च नहीं पहुंचे क्योंकि टीके की खोज में जुटे हुए थे। 

बाद में उनकी शादी धूमधाम से हुई। मानवता की इतनी बड़ी सेवा करने वाले लुई पाश्चर को बाद में फ्रांस की सरकार ने सम्मानित किया।



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