Wednesday, December 3, 2025

आ गया धुंध और कोहरे का मौसम सावधानी से वाहन चलाएं चालक

अशोक मिश्र

आमतौर पर उत्तर भारत में नवंबर से लेकर जनवरी या फरवरी के पहले सप्ताह तक खूब सड़क हादसे होते हैं। हरियाणा में भी इन तीन महीनों में हादसे चरम पर होते हैं। पिछले साल नवंबर से जनवरी के बीच पूरे प्रदेश में 963 सड़क हादसे हुए थे। अब दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है। नवंबर महीने में थोड़ी राहत इसलिए महसूस की गई क्योंकि इस बार नवंबर में कोहरा या स्मॉग छिटपुट स्थानों को छोड़कर कहीं नहीं देखने को मिला। लेकिन दिसंबर में कोहरा या धुंध पड़ना अनिवार्य है।

फिलहाल दो महीने तक वाहन चालकों को सावधानी बरतनी होगी। इन दो महीनों में होता यह है कि धुंध और कोहरे के चलते सड़क किनारे बिना रिफ्लेक्टर के खड़े वाहनों से सामने से आ रहे वाहन टकरा जाते हैं। सड़क पर बनी सफेद पट्टियां न होने की वजह से कई बार वाहन सड़क से नीचे चले जाते हैं। असल में इन महीनों में कोहरे या धुंध छाने की वजह से दृश्यता लगभग शून्य हो जाती है जिसकी वजह से दो-चार मीटर की दूरी के बाद कुछ भी दिखाई नहीं देता है। 

ऐसे में सड़क किनारे खड़े वाहन हादसे का कारण बन जाते हैं। इन दिनों सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशु भी सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण होते हैं। धुंध की वजह से जब तक सड़क पर खड़े लावारिस पशु दिखाई देते हैं, तब तक हादसा हो चुका होता है। प्रदेश में एक जनवरी से लेकर अक्टूबर 2025 तक लगभग चार हजार लोगों को यह सड़क निगल चुकी है। इस बीच सड़क हादसों का शिकार होकर  31 हजार लोग घायल हुए हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो सड़क हादसों के बाद दिव्यांग हो चुके हैं। अगर हम राष्ट्रीय रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ो के आधार पर बात करें, तो साल 2023 में 5533 लोगों की सड़क हादसों में जान चली गई थी। इनमें 4501 पुरुष और 832 महिलाएं थीं। यदि सीधे सपाट लहजे में बात कही जाए तो दो साल पहले 15 लोग ऐसे थे, जो घर से तो जीवित निकले थे, लेकिन बाद में उनकी लाश ही घर आई थी। 

उस वर्ष देश भर में हुए सड़क हादसों में हरियाणा की भागीदारी 3.4 प्रतिशत रही थी। हालांकि इस वर्ष ऐसी हालत न आए, इसके लिए प्रदेश सरकार ने पहले से ही सड़कों की दशा सुधारने का प्रयास करना शुरू कर दिया था। लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा ने अधिकारियों के साथ बैठक करके सुरक्षा के सभी उपाय अपनाने का आदेश दे दिया था। फिलहाल पूरे राज्य की सड़कों पर सफेट पट्टियां बनाने से लेकर सड़क सुरक्षा के लिए साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। अन्य उपाय भी अपनाए जा रहे हैं ताकि किसी को सड़क हादसों के चलते अपनी जान न गंवानी पड़े। इसके लिए जरूरी है कि वाहन चालक भी धुंध के समय अपना वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। वाहन की गति उतनी ही रखें जितनी कि आपदा के समय वाहन को संभाल सकें।

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