Sunday, June 21, 2015

कानून के लंबे हाथ

अशोक मिश्र
आपने फिल्मों में ही नहीं, असल जीवन में भी देखा होगा कि पुलिस वाले एकदम परमहंसी भाव से अपने थाने में बैठे पगुराते रहते हैं। अपराधी चाहे जितनी भागदौड़ करे, सावधानी बरते, अपने को दुनिया का सबसे बड़ा बुद्धिमान समझे, लेकिन वह अंतत: पुलिस की गिरफ्त में आ ही जाता है। पुलिस वालों की नौकरी का एक ही मूल मंत्र होता है, अपराधी चाहे जितनी भाग-दौड़ कर ले, जितना भाग सकता है, भाग ले। कोई सुबूत नहीं छोडऩा चाहता है, न छोड़े। आखिरकार उसे आना कानून के चंगुल में ही है। क्यों....क्योंकि पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं। फिर काहे को इतना सिरदर्द मोल लिया जाए। और फिर अपराध होने से पहले पुलिस आकर क्या करेगी? किसी की हत्या करने, कहीं कोई फर्जी डिग्री जुगाडऩे या फिर अपने विरोधियों के समूल नाश की सोचे, इस देश के कानून ने, संविधान ने किसी के सोचने पर पाबंदी थोड़े ही लगाई है। मैं दिन रात सोचता हंू कि कोई ऐसा जुगाड़ करूं कि वर्तमान प्रधानमंत्री जी को हटाकर मैं प्रधानमंत्री बन जाऊं। क्या मुझे इस देश का कानून, संविधान या कोई दूसरा ऐसा सोचने से रोक सकता है? जब कुछ हुआ ही नहीं, तो पुलिस कोई एक्शन कैसे ले ले? यही वजह है कि हमारे देश की ही नहीं, पूरी दुनिया की पुलिस अपराध हो जाने के बाद ही नमूदार होती है।
पता नहीं क्यों....बचपन से ही मुझे पुलिस की काबिलियत पर पूरा भरोसा था। जब जवान हुआ, तो पुलिस और कानून से बहुत डरने लगा। जिन दिनों मेरी शादी तय हो रही थी, तो मेरे मामा ने मेरी ससुरालवालों के पूछने पर बताया कि लडक़ा बीएससी, एलएलबी है। उनके इस झूठ पर मैंने आपत्ति जताई, तो मामा ने कहा, यार तू ठंड रख..एक तो लडक़ी वालों को बड़ी मुश्किल से पटा कर लाया हूं। तू सारा गुड़ गोबर मत कर..। अगर जरूरी हुआ, तो फर्जी-शर्जी डिग्री खरीद लाऊंगा, तेरी ससुराल वालों को दिखाने के लिए। लेकिन मैं कानून और पुलिस से डरने वाला, उस समय तो मैं मामा और घरवालों के डर से चुप रह गया, लेकिन जैसे ही भांवर पड़ी मैंने सबके सामने ही उगल दिया, 'मेरे मामा और घरवालों ने आप लोगों से झूठ बोला था। मैं सिर्फ दसवीं पास हूं।Ó मेरे ससुराल वालों ने बहुत हाय-तौबा मचाई, लेकिन अब हो क्या सकता था! हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी हो चुकी थी। झक मारकर उन्हें अपनी बेटी की विदाई करनी पड़ी। इसका खामियाजा आज तक भुगत रहा हंू। घरैतिन पुलिस और कानून का रोब दिखाकर फर्जी डिग्री के मामले में आज तक ब्लैकमेल करती हैं।

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